बेंगलुरु। बेंगलुरु की एक अदालत ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को नाबालिग के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में उनके खिलाफ दर्ज मामले के सिलसिले में 15 जुलाई को पेश होने के लिए समन जारी किया है। आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) द्वारा 27 जून को भाजपा के दिग्गज नेता के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने के बाद यह कदम उठाया गया है।
सीआईडी की चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि येदियुरप्पा ने 2 फरवरी, 2024 को अपने आवास पर 17 वर्षीय लड़की का यौन उत्पीड़न किया, जब वह और उसकी मां लड़की के खिलाफ यौन उत्पीड़न के पिछले मामले में मदद मांगने के लिए उनसे मिलने गई थीं।
लड़की के साथ उसके एक रिश्तेदार ने कथित तौर पर तब छेड़छाड़ की थी जब वह सिर्फ़ 7 साल की थी। चार्जशीट में दावा किया गया है कि येदियुरप्पा लड़की को एक कमरे में ले गए, दरवाज़ा बंद किया और उसके साथ छेड़छाड़ की।
जब उसने विरोध किया तो उन्होंने उसे कुछ पैसे दिए और दरवाज़ा खोला। लड़की की माँ ने अपने आईफ़ोन पर येदियुरप्पा के साथ हुई झड़प को रिकॉर्ड कर लिया था, जो अब इस मामले में अहम सबूत है।
चार्जशीट में येदियुरप्पा और उनके तीन सहयोगियों, जिनमें एक वकील और दो करीबी सहयोगी शामिल हैं, पर पीड़िता और उसकी मां को पैसे देकर मामले को दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है। तीनों सहयोगियों पर सबूत नष्ट करने और येदियुरप्पा को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है।
येदियुरप्पा पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम, 2012 की धारा 8 और भारतीय दंड संहिता की धारा 354 ए (यौन उत्पीड़न) और धारा 214 (अपराध को छिपाने के लिए रिश्वत) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
इससे पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सीआईडी को येदियुरप्पा को गिरफ्तार करने से रोकने के अपने अंतरिम आदेश को बढ़ा दिया था और अभियोजन पक्ष को उनके खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने की मांग वाली उनकी याचिका पर आपत्ति दर्ज करने की अनुमति दी थी।