कोरोना वायरस को लेकर WHO की भूमिका से खफा है अमेरिका, राष्ट्रपति ट्रंप ने रोकी मदद

चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस (Coronavirus) आज पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा है। पूरी दुनिया इस वायरस की सबसे ज्यादा मार अमेरिका पर पड़ी है। यहां रोजाना तकरीबन 2000 लोगों की मौत हो रही है। अमेरिका में 24 घंटे में 2,407 लोगों की जान गई है। इसके साथ ही देश में मौतों का आंकड़ा 26,047 हो गया है। यहां संक्रमण के 26,945 नए मामले सामने आए हैं। देश में संक्रमितों की संख्या 6 लाख 13 हजार 886 हो गई है। अकेले न्यूयॉर्क प्रांत में ही मौतों का आंकड़ा 7000 के पार पहुंच चुका है। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की भूमिका से अमेरिका खफा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने WHO पर चीन की तरफदारी करने का आरोप लगाते हुए फंडिंग रोकने की धमकी दी थी।

अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की फंडिंग रोकने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि अगर संगठन ने बुनियादी स्तर पर काम किया होता तो दुनियाभर में कम जान जाती। ट्रम्प ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में कहा, 'आज मैं अपने प्रशासन को डब्ल्यूएचओ की फंडिंग रोकने का निर्देश दे रहा हूं। कोरोना को लेकर डब्ल्यूएचओ की भूमिका की समीक्षा की जाएगी। अमेरिका डब्ल्यूएचओ को सालाना चार से पांच हजार डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान करता है।' उन्होंने संगठन पर कोरोना को लेकर गलत प्रबंधन करने और प्रसार को छुपाने का भी आरोप लगया। उन्होंने कहा- डब्ल्यूएचओ पूरी तरह से चीन परस्त है। कोरोना को लेकर उन्होंने हमेशा चीन का साथ दिया है।

ट्रंप ने कहा कि संगठन ने कोरोना की महामारी को लेकर पारदर्शिता नहीं बरती। अमेरिका ने पिछले साल 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर दिए थे। उन्होंने कहा कि अब हम विचार करेंगे कि उस पैसे का क्या किया जाए, जो संयुक्त राष्ट्र संघ की इस संस्था को दिया जाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस को लेकर गहरी चिंता भी जताई।

अमेरिका के विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की फंडिंग पर रोक लगाने संयुक्त राष्ट्र संघ ने नाराजगी जताई है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के हवाले से कहा गया है कि यह संसाधनों को कम करने का समय नहीं है।