चिंता की खबर: कोरोना की तीसरी लहर बच्‍चों के लिए होगी जानलेवा!

देश में कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है, रोजाना लाखों की संख्या में मरीज इस लहर का शिकार हो रहे है। वहीं, अब कोरोना की तीसरी लहर की बात भी कही जा रही है। विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि तीसरी लहर बच्‍चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर सितंबर तक आ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि देश में कोरोना की पहली लहर बुजुर्गों के लिए खतरा बनी थी वहीं, दूसरी लहर युवा आबादी के लिए खतरनाक साबित हो रही है। ऐसे में अगर तीसरी लहर आती है तो यह बच्‍चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।

बच्चों का टीकाकरण

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक बाल चिकित्सा और संक्रामक रोगों के विशेषज्ञों का कहना है कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम को शुरू कर देना चाहिए। अगर सरकार ने इस संबंध में जल्‍दी कोई कदम नहीं उठाए तो कोरोना की तीसरी लहर बच्‍चों के लिए घातक साबित हो सकती है।

बुधवार को मिले 4.12 लाख मरीज

आपको बता दे, देश में कोरोना की दूसरी लहर बेकाबू होती जा रही है। यहां बुधवार को रिकॉर्ड 4 लाख 12 हजार 373 मामले आए। यह एक दिन में मिलने वाले संक्रमितों को सबसे बड़ा आंकड़ा है। नए मामलों के साथ मौतों के आंकड़े बढ़ने से लोगों की चिंता भी बढ़ती जा रही है। बीते दिन दुनिया में 14,278 लोगों की कोरोना की वजह से मौत हुई। इनमें 3,979 मौतें सिर्फ भारत में ही रिकॉर्ड की गईं। यानी दुनिया में महामारी की वजह से हुई हर चौथी मौत भारत में ही दर्ज की गई।

टीका न लगवाने वाले बच्‍चों में खतरा बढ़ जाएगा

संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ नितिन शिंदे का कहना है कि जब कोरोना की तीसरी लहर के बारे में आशंका जताई गई है तो ऐसे समय में टीका न लगवाने वाले बच्‍चों में खतरा बढ़ जाएगा।

विशेषज्ञों ने कहा कि कोरोना का नया संक्रमण भले ही बच्‍चों में किसी भी तरह की गंभीर समस्‍या पैदा नहीं कर रहा हो, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में बच्‍चे बीमार जरूर हो रहे हैं। पहली लहर की अपेक्षा दूसरी लहर में मुंबई पुणे जैसे शहरों में बच्चे ज्यादा कोरोना संक्रमित हो रहे है। ऐसे में अगर तीसरी लहर आई तो सबसे ज्‍यादा खतरा इन्‍हीं बच्‍चों को होगा। ऐसे में हमें बच्‍चों के लिए अब टीके की आवश्‍यकता होगी।

दूसरी लहर 7 मई को अपने पीक पर हो सकती है

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार के मैथमेटिकल मॉडलिंग एक्सपर्ट प्रोफेसर एम विद्यासागर का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर 7 मई को अपने पीक पर हो सकती है। उन्‍होंने कहा है कि देश के हेल्‍थ सेक्‍टर को इसके लिए पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है। हालांकि, उनका यह भी कहना है कि हर राज्‍य में स्थिति थोड़ी बदली हुई दिखाई दे सकती है। हर राज्‍य में कोरोना के पीक पर पहुंचने का समय भी थोड़ा अलग हो सकता है लेकिन पूरे देश में जिस तरह से कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं उसे देखें तो कोराना की लहर या तो पीक पर है या इसके बेहद करीब है।

मई के अंत तक कम हो सकता है संक्रमण

वहीं, वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर गगनदीप कांग ने संभावना जताई है कि मई के मध्य और अंत के बीच कोविड-19 स्थिति की गंभीरता कम हो सकती है। इंडियन वुमन प्रेस कॉर्प्स की वर्चुअल तौर पर हुए बैठक में डॉक्टर कांग संभावना जताई है मई के मध्य तक हालात बेहतर होने लगेंगे। उन्होंने भारत में लगाई जा रही वैक्सीन की भी तारीफ की है।

उन्होंने कहा, 'वैक्सीन बीमारी और गंभीर बीमारी के खिलाफ काफी सुरक्षा देती हैं। वहीं, संक्रमण के खिलाफ भी कुछ सुरक्षा देती हैं।' उन्होंने वैक्सीन लगवाने का समर्थन किया है।

उन्होंने कहा, 'अगर आप संक्रमण से सुरक्षित हैं, तो साथ ही आप इसे दूसरे व्यक्ति को नहीं देंगे। इसलिए वैक्सीन गंभीर बीमारी और मौत के खिलाफ अच्छा काम कर रही हैं।'

उन्होंने कहा, 'भले ही यह संक्रमण से न बचाए, लेकिन संक्रमण को कम जरूर करेगी। उन्होंने कहा टेस्टिंग में गिरावट होने के बाद भी हम रोज 4.5 लाख मामलों के आसपास पहुंच सकते हैं।'