कोरोना के खिलाफ लड़ाई, पुणे में 15 दिन में बनकर तैयार हुआ विशेष अस्पताल, 70 मरीजों को किया गया शिफ्ट

कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ लड़ाई में केंद्र और राज्य की सरकार मिलकर कई बड़े कदम उठा रही है। ऐसे में महाराष्ट्र का पहला कोरोना स्पेशल अस्पताल पुणे में तैयार हो गया है। आपको बता दे, देश में सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से सामने आ रहे है। यहां 2500 से ज्यादा संक्रमित मामले सामने आ चुके है वहीं, 178 लोगों की जान जा चुकी है। महाराष्ट्र में मुंबई शहर से 1756 मामले सामने आ चुके है।

2008 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य

ससून हॉस्पिटल परिसर में मौजूद इस 11 मंजिला इस इमारत का निर्माण कार्य 2008 से चल रहा था। इस साल मार्च तक 75% काम पूरा हो गया था। बाकी बचा काम एक साल में होना था। लेकिन कोरोना के तहत इमरजेंसी को देखते हुए महज 15 दिन में ही बाकी काम पूरा कर लिया गया। अस्पताल में 700 बिस्तरों की व्यवस्था है। सोमवार को इसमें 70 से ज्यादा कोरोना मरीजों को शिफ्ट भी कर दिया गया।

पीडब्ल्यूडी के अधीक्षक राजेंद्र रहाणे ने बताया कि मार्च में जब हमने इस इमारत के निर्माण कार्य को तेज करने का फैसला किया, तब प्लास्टर, पेंटिंग, प्लम्बर, लिफ्ट का काम बचा था। देश में कोरोना वायरस की गंभीरता और महाराष्ट्र में दिखे इसके गंभीर परिणाम को देखने के बाद इसका काम युद्धस्तर पर किया गया। सबसे पहले इस इमारत में अग्निशामक व्यवस्थाएं, अंडरग्राउंड पाइपलाइन, पानी की पाइपलाइन, मेडिकल गैस की पाइपलाइन और इसी तरह की अन्य व्यवस्थाओं पर काम तेज किया गया। लॉकडाउन की वजह से काम करने में काफी कठनाई हो रही थी। इन सभी काम को करने वाले कर्मचारी लॉकडाउन की वजह से अपने घरों से नहीं निकल पा रहे थे। ऐसे में सभी कर्मचारियों को लाने और ले जाने की जिम्मेदारी उठाई गई। बताया जाता है कि 9 दिन के अंदर ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम सेट किया गया। पूरी इमारत को एयरकंडीशन करने के लिए नया ट्रांसफार्मर लगाया गया। 11 मंजिला इमारत के लिए 36 घंटों में हाई-टेंशन बिजली कनेक्शन दिया गया। यह भी एक रिकॉर्ड है।

अस्पताल में 40 वेंटिलेटर लगाए गए

ससून हॉस्पिटल परिसर में अभी 40 वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है। कोरोना के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने पर वेंटिलेटर सपोर्ट दिया जाता है। सोमवार को इस अस्पताल में 70 कोरोना मरीजों को शिफ्ट किया गया है। ऐसे में ये 40 वेंटिलेटर उनके लिए काफी हैं।