Rajasthan: 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का नि:शुल्क कोरोना वैक्सीनेशन!, गहलोत सरकार ने बनाई ये रणनीति, केंद्र पर बनायेंगे दबाव

कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए गहलोत कैबिनेट की गुरुवार शाम 5 बजे सीएमआर में अहम बैठक हुई। इस बैठक में फैसला लिया गया कि गहलोत सरकार 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का नि:शुल्क कोरोना वैक्सीनेशन करने के लिए मोदी सरकार पर दबाव बनायेगी। यह बैठक करीब 3 घंटे तक चली। पूरी बैठक में कोरोना का मुद्दा छाया रहा। दरअसल, शु्क्रवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीसी है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वीसी में प्रधानमंत्री के समक्ष निशुल्क वैक्सीनेशन का मुद्दा उठाएंगे। यदि केन्द्र सरकार पल्ला झाड़ लेती है तो फिर राज्य सरकार निशुल्क वैक्सीनेशन की घोषणा कर सकती है। लेकिन इससे पहले केन्द्र सरकार पर बनाया लगातार दबाव बनाया जाएगा।

आपको बता दे, 18 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों लोगों का वैक्सीनेशन करवाने के लिये केन्द्र सरकार ने राज्यों को अपने स्तर कंपनियों से सीधे वैक्सीन खरीदने को कहा है। 18 साल से ऊपर वालों के लिये फ्री वैक्सीनेशन पर गहलोत सरकार ने अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है। अभी तक केवल राजनीतिक बयानबाजी ही चल रही है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा पहले कर चुके हैं। अब राजस्थान सरकार के फैसले का इंतजार है।

हालाकि, बैठक के बाद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने संकेत दिए यदि केन्द्र सरकार निशुल्क कोरोना वैक्सीनेशन नहीं करती है तो फिर प्रदेश के लोगों को हित में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस पर निर्णय लेंगे। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को निर्णय लेने के लिए अधिकृत कर दिया है। प्रताप सिंह खाचरियावास ने केन्द्र सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है।

इसके साथ ही राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की है। सीएम गहलोत ने कैबिनेट बैठक में साफ किया कि प्रदेश की जनता को किसी भी मेडिकल सुविधा से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा।

मंत्री खाचरियावास ने केंद्र पर लगाया भेदभाव का आरोप

कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्री प्रताप सिंह ने कहा ऑक्सीजन और दवाई को लेकर केंद्र राजस्थान से भेदभाव कर रहा है। गुजरात को ज्यादा ऑक्सीजन और दवाइयां दी जा रही है। राजस्थान को जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन व दवाई नहीं मिल रही है। मामले लगातार बढ़ने के साथ अब प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन और रेमडेसिवर इंजेक्शन की कमी हो रही है।