महाराष्ट्र / संक्रमितों की संख्या हुई 18 हजार 120, मुंबई के आर्थर जेल में पहुंचा कोरोना, 103 पॉजिटिव

महाराष्ट्र में आज कोरोना संक्रमितों की संख्या 18 हजार 120 हो गई है। महाराष्ट्र में आज कोरोना के 1362 नए मामले सामने आए हैं। राज्य में अब तक 651 लोगों की जान कोरोना के चलते गई है। मुंबई के धारावी में आज कोरोना के 50 नए केस, इलाके में अब तक 783 मामले सामने आ चुके हैं। कुल 21 लोगों की इस वायरस की वजह से मौत हो गई है। वहीं, मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में 77 कैदी कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए हैं। जेल के 26 कर्मचारी भी संक्रमित हैं। इसके साथ ही यहां संक्रमितों की संख्या 103 हो गई है। कैदियों को जीटी हॉस्पिटल और सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल में दाखिल कराया जाएगा। कैदियों को शुक्रवार सुबह सुरक्षा के बीच हॉस्पिटल पहुंचाया जाएगा। जेल के जो स्टाफ हैं, उन्हें अलग से हॉस्पिटल पहुंचाया जाएगा। आर्थर रोड जेल मुंबई की सबसे पुरानी जेल है। यह कस्तूरबा हॉस्पिटल के ठीक सामने है। कस्तूरबा हॉस्पिटल को ही मुंबई में कोविड-19 का नोडल हॉस्पिटल बनाया गया है। जेल में फिलहाल 2 हजार विचाराधीन कैदी बंद हैं, हालांकि इसकी क्षमता 800 कैदियों की ही है। जेल में कैदियों के बीच आपसी दूरी की भी समस्या है क्योंकि क्षमता से ज्यादा कैदी यहां बंद हैं।

जेल में अब तक 200 से ज्यादा लोगों के स्वाब टेस्ट लिए गए हैं जिनमें 103 लोग पॉजिटिव आए हैं। ताजा मामले उस घटना के बाद सामने आए हैं जिसमें बुधवार को 45 साल के एक कैदी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। यह कैदी नारकोटिक्स एक्ट के तहत जेल में बंद है।

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि आर्थर रोड जेल में 2800 से ज्यादा कैदी हैं। जेल की एक बैरक में कोरोना का केस पाया गया था। इसके बाद जेल के सभी कैदियों और स्टाफ की कोरोना जांच कराई गई। रिपोर्ट में 77 कैदियों और 26 जेल अधिकारियों के पॉजिटिव पाए जाने की पुष्टि हुई है।

मजदूरों की घर वापसी पर उठे सवाल

राज्य कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाया है। भुजबल ने कहा कि महाराष्‍ट्र से मजदूरों के पलायन की तस्वीरें राज्य सरकार के लिए अशोभनीय हैं। लॉकडाउन के संबंध में प्रशासन के विरोधाभासी आदेशों के कारण अफरा-तफरी का माहौल है।

वहीं, स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि जो भी प्रवासी मजदूर अपने मूल स्थानों पर लौटना चाहते हैं, उन्हें अब मेडिकल सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। उनकी सिर्फ थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों के क्लीनिक के बाहर बड़ी कतार से बचने के लिए यह फैसला लिया गया है।