वैज्ञानिकों का आकलन / कोरोना से अमेरिका में सितंबर तक हो सकती है 22 लाख मौतें!

दुनिया में कोरोना वायरस से अब तक 23 लाख 30 हजार 937 लोग संक्रमित हैं। 1 लाख 60 हजार 755 की मौत हो चुकी है। वहीं, 5 लाख 96 हजार 537 ठीक भी हुए हैं। यूरोप में अब तक 1 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यहां सबसे ज्यादा इटली में 23 हजार 227 जान गई है। वहीं, दूसरे नंबर पर स्पेन है, जहां 20 हजार 639 लोगों की मौत हुई है। दुनियाभर में हुए कुल मौतों में 62.5% यूरोप में हुई है। वहीं, कुल संक्रमितों में केवल अमेरिका में एक-तिहाई मरीज हैं। कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर अमेरिका पर पड़ा है। यहां कोरोना से 7 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। 34 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि यह स्थिति आगे और खराब हो सकती है।

अमेरिका के छोटे इलाकों और गांवों में पहुंच गया कोरोना

दरअसल, अमेरिका के बड़े शहरों से फैला यह वायरस अब छोटे इलाकों और गांवों में पहुंच गया है। ऐसे वक्त में राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रम्प ने देश में आम जनजीवन सामान्य करने के लिए गाइडलाइन जारी की हैं। राष्ट्रपति ने अनुमान लगाया है कि इससे जल्द ही सबकुछ सामान्य हो सकेगा। हालांकि यह साफ नहीं है कि यह संकट हमें कहां ले जाएगा।'

कोरोना वायरस को अमेरिका में सबसे ज्यादा मौतों का जिम्मेदार माना जा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक 7 अप्रैल के बाद हर दिन 1800 अमेरिकियों की मौत हो रही है। हालांकि सरकारी आंकड़े अभी भी साफ नहीं हैं। जबकि अमेरिका में दिल की बीमिरियों से एक दिन में 1774 और कैंसर से 1641 मौत होती हैं।

न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार इम्पीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं के एक मॉडल के मुताबिक, अमेरिका में सितंबर तक 22 लाख के करीब मौतें हो सकती हैं। तुलना की जाए तो दूसरे विश्व युद्ध में 4 लाख 20 हजार अमेरिकी मारे गए थे।

यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवेलुएशन के मॉडल के अनुमान के मुताबिक, गर्मियों के मध्य तक एक लाख से 2 लाख 40 हजार मौतें होनी थीं। लेकिन अब यह आंकड़ा 60000 है। अब तक की सफलता का कारण शटडाउन है। लेकिन इसे हमेशा के लिए भी जारी नहीं रख सकते। इंस्टीट्यूट का आकलन चार अगस्त तक के लिए है। उसके मॉडल के मुताबिक बिना वैक्सीन के इस महामारी कंट्रोल करना मुश्किल है। यदि वैक्सीन नहीं आई तो वायरस सालभर घूमता रहेगा और मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जाएगा। व्हाइट हाउस के देश को दोबारा खोलने के प्लान से मौत का आंकड़ा फिर बढ़ेगा। फिर चाहे कितनी ही एहतियात से इसे लागू किया जाए।