ओमिक्रॉन के खिलाफ पड़ेगी वैक्सीन के चौथे डोज की जरूरत: एंथनी फाउसी

कोरोना के मामले भले ही पूरी दुनिया में कम होने लगे हैं लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है। बुधवार को कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉ टेड्रोस एडनॉम गेब्रेयेसुस ने एक बार फिर चेतावनी जारी करते हुए कहा कि बीमारियों की कोई सीमा नहीं होती। कोई भी सुरक्षा की भावना अगले ही पल बदल सकती है। वहीं, दूसरी तरफ मशहूर संक्रामक रोग विशेषज्ञ और अमेरिका के चीफ मेडिकल एडवाइजर एंथनी फाउसी ने कहा कि ओमिक्रॉन वायरस से बचाव के लिए हम कोविड वैक्सी की चौथी डोज की सिफारिश करने पर विचार कर रहे हैं। आपको बता दे, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कोरोना वैक्सीन की चौथी डोज देने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके अलावा इजरायल में चौथी डोज लगाने का काम शुरु हो चुका है। वहां पिछले महीने पहले हुई स्टडी से पता चला था कि चौथी डोज से कोरोना से बचाव की ताकत दोगुनी हो जाती है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के चीफ मेडिकल एडवाइजर एंथनी फाउसी ने आगे कहा कि हम एक-एक करके कदम उठा रहे हैं। तीसरी बूस्टर डोज का डाटा जुटा रहे हैं और साइंटिफिक डाटा के हिसाब से फैसला कर रहे हैं। कोविड की चौथी डोज के बारे में निर्णय लेने के लिए भी हम इसी प्रक्रिया का पालन करेंगे।

दरअसल, ये माना जा रहा है कि दुनिया में कोविड के अगले वैरिएंट को लेकर खतरा बना हुआ है। इसी को देखते हुए वैज्ञानिक कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। ज्यादातर आबादी को कोविड वैक्सीन लग चुकी है। अब मंथन इस बात को लेकर चल रहा है कि वैक्सीन की बूस्टर डोज कब-कब लगाई जाएं।

आपको बता दे, हाल ही में WHO की कोविड-19 टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोवे ने कहा है कि कोरोना का नया वैरिएंट और भी ज्यादा संक्रामक होगा, क्योंकि उसे मौजूदा वैरिएंट्स को ओवरटेक करना होगा। वो माइल्ड और गंभीर दोनों हो सकता है और हमारी इम्यूनिटी को मात दे सकता है।

WHO एक्सपर्ट मारिया वान केरखोवे का मानना है कि ओमिक्रॉन कोरोना का आखिरी वैरिएंट नहीं है। हमें आगे भी इसके दूसरे वैरिएंट्स पाए जाने की खबर मिल सकती है। फिलहाल ये कहना मुश्किल है कि उन वैरिएंट्स में किस तरह के म्यूटेशन्स होंगे।

कोरोना मामलों को देखें तो अमेरिका भी कोरोना के विस्फोट से उबरने लगा है। अमेरिका में 8 फरवरी को पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के करीब 2.5 लाख मामले आए थे जबकि 16 फरवरी को ये आंकड़ा 8 लाख रोजाना तक पहुंच गया था।