मामूली सर्दी-जुकाम और नाक से आ रहा है हल्का पानी, तो हो जाए सावधान; हो सकते है डेल्टा वैरिएंट का शिकार

पूरी दुनिया में हड़कंप मचाने वाला डेल्टा वैरिएंट न सिर्फ तेज़ी से फैल रहा है, बल्कि इसके लक्षण भी थोड़े अलग है। ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी ने अपनी रिसर्च में बताया है कि अगर आपको मामूली सर्दी-जुकाम है और नाक से हल्का पानी आ रहा है तो ये डेल्टा वैरिएंट के लक्षण हो सकते हैं। ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी में विषाणु विज्ञान और संक्रामक रोग में अनुसंधान करने वाली लारा हेरेरो के मुताबिक जैसे-जैसे वायरस विकसित हुआ है, इसके सबसे सामान्य लक्षण भी बदल गए हैं। लारा हेरोरे के मुताबिक बुखार और खांसी हमेशा से कोविड के सबसे आम लक्षण रहे हैं। इसके अलावा सिरदर्द और गले में दर्द भी कुछ लोगों में दिखता था, लेकिन नाक बहने की शिकायत काफी कम लोग करते थे। वहीं, सूंघने की शक्ति चली जाना जो मूल रूप में बेहद आम था, अब नौंवे स्थान का लक्षण है। रिसर्च के लिए डेटा ब्रिटेन से लिए गए हैं। यहां ज्यादातर केस डेल्टा वेरिएंट के ही हैं।

आखिर क्यों डेल्टा वेरिएंट के लक्षण बदल रहे हैं इस बारे में लारा हेरेरो का कहना है, 'इंसान एक-दूसरे से अलग है। हमारे अंतरों की तरह हमारे प्रतिरक्षा तंत्र भी अलग हैं। इसका मतलब ये है कि एक ही वायरस अलग-अलग तरीके से अलग-अलग संकेत और लक्षण पैदा कर सकता है। संकेत वो है जो दिखता है जैसे चकत्ते। लक्षण वह है जो महसूस होता है जैसे गला खराब होना। वायरस किस तरह से बीमार करता है यह दो अहम फैक्टर पर निर्भर करता है - वायरल फैक्टर में वायरस की खुद की प्रतिकृत बनाने की गति, संचरण के माध्यम और अन्य चीजें शामिल हैं।'

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने आगाह किया कि दुनिया कोविड-19 महामारी के बेहद ‘खतरनाक दौर’ में है जिसके डेल्टा जैसे वेरिेंट अधिक संक्रामक हैं और वक्त के साथ लगातार बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन देशों की कम आबादी को टीके लगे हैं वहां अस्पतालों में फिर से मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। उन्होंने कहा कि जिन देशों की कम आबादी को टीके लगे हैं वहां अस्पतालों में फिर से मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है।

टेड्रोस ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'डेल्टा जैसे स्वरूप अधिक संक्रामक है और कई देशों में यह फैल रहा है। इसी के साथ ही हम इस महामारी के बहुत खतरनाक दौर में हैं।'

गेब्रेयसस ने कहा, 'कोई भी देश अभी तक खतरे से बाहर नहीं है। डेल्टा स्वरूप खतरनाक है और यह वक्त के साथ और बदल रहा है जिस पर लगातार नजर रखने की जरूरत है।'

उन्होंने कहा कि डेल्टा स्वरूप कम से कम 98 देशों में पाया गया है और उन देशों में तेजी से फैल रहा है जहां कम और ज्यादा टीकाकरण हुआ है।