इंदौर: अस्पतालों ने खड़े किए हाथ, ऑक्सीजन लाओ या मरीज को ले जाओ

मध्यप्रदेश में कोरोना की रफ्तार रोकने के लिए किए गए सभी प्रयास विफल होते दिखाई दे रहे है। कोरोना एक्टिव मरीजों का आंकड़ा बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में संसाधनों की कमी हो गई है। इसकी वजह से नए संक्रमितों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। प्रदेश में 24 घंटे में 13,107 नए संक्रमितों की पहचान हुई। इनमें 5500 से ज्यादा मरीज तो सिर्फ प्रदेश के 4 बड़े शहरों में हैं। यहां सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर है, जहां 1781 नए केस आए और 10 ने दम तोड़ दिया। इंदौर की प्राइम सिटी कॉलोनी में रहने वाले 85 साल के बुजुर्ग की घर पर ही मौत हो गई। यहां के अरबिंदो अस्पताल के बाहर बोर्ड लगाकर मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया गया।

शहर के सबसे बड़े कोविड अस्पताल अरबिंदो ने बाहर बोर्ड लगा दिया है कि आगामी आदेश तक हम मरीज भर्ती नहीं कर पाएंगे। दिनभर लोग अपने मरीज को लेकर भटकते रहे, लेकिन कहीं बेड नहीं मिले। अरबिंदो में फिलहाल 1100 मरीज भर्ती हैं और उन्हें रोज 18 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है, लेकिन सिर्फ 12 टन ही मिल पा रही है।

ऑक्सीजन की कमी की वजह से आरके अस्पताल ने परिजन को कह दिया कि या तो ऑक्सीजन लाओ या मरीज को ले जाओ। तमाम छोटे अस्पतालों में करीब एक हफ्ते से ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। प्राइम सिटी कॉलोनी में रहने वाले 85 वर्षीय बुजुर्ग की कोरोना से मौत हो गई। बेटा और बहू सिएटल में हैं। वह पांच दिन से उन्हें भर्ती कराने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन अपने पिता को भर्ती नहीं करा पाए और बुधवार को मौत हो गई। बाद में निगम कर्मचारियों ने अंतिम संस्कार कराया। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का कोविड टेस्ट निगेटिव आई है। उनका बुखार भी नियंत्रित है। उन्हें सामान्य वार्ड में भर्ती किया गया है।