राहत पैकेज पर चिदंबरम ने कहा - सरकार ने 13 करोड़ परिवारों को बेसहारा छोड़ दिया

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण पर पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदम्बरम ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री ने जो भी आज बात कही उसमें लाखों गरीबों, भूखे प्रवासी मजदूरों के लिए कुछ भी नहीं है। वे अभी भी अपने राज्यों में पैदल वापस जा रहे हैं।

चिदंबरम ने कहा - इस भाषण से उन लोगों को बड़ा झटका लगा है, जो रोज मेहनत करके कमाते हैं। सरकार ने 13 करोड़ परिवारों को बेसहारा छोड़ दिया गया है। निचले तबके की आधी आबादी तक नकद ट्रांसफर का भी कोई माध्यम नहीं है।

चिदंबरम ने कहा कि वित्त मंत्री ने MSMEs के लिए कुछ समर्थन उपायों की घोषणा की, हालांकि मेरी नजर में यह ​​उपाय बड़े MSMEs (लगभग 45 लाख MSMEs) के पक्ष में झुका हुआ है। मुझे लगता है कि 6.3 करोड़ MSMEs को छोड़ दिया गया। हम अधीनस्थ ऋण (20,000 करोड़ रुपये) और इक्विटी कॉर्पस फंड (10,000 करोड़ रुपये) की पेशकश का स्वागत करते हैं, लेकिन हम 'नियम और शर्तों' का इंतजार करेंगे।

क्रेडिट गारंटी फंड पर उन्होंने कहा कि यह संपूर्ण फंड नहीं है जो वास्तव में खर्च किया जाएगा। यह खर्च व्यय MSMEs को बकाया गारंटीकृत क्रेडिट में एनपीए की सीमा तक सीमित करेगा। 20-50% के एनपीए स्तर को मानते हुए, ऋणों की अवधि पर वास्तविक व्यय अधिकतम 3,00,000 करोड़ रुपये होगा।

बता दे, इससे पहले बुधवार सुबह पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज पर कहा था, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें हेडलाइन और ब्लैंक पेज (कोरा कागज) दिया है। अब देखना होगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उस ब्लैंक पेज को कैसे भरती हैं। हम हर उस अतिरिक्त रुपए पर नजर रख रहे हैं, जो अर्थव्यवस्था में डाला जाएगा।'

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि लोगों को राहत की उम्मीद थी मगर केंद्र का स्पेशल इकोनॉमिक पैकेज एक ‘बिग जीरो’ है। इसमें राज्यों के लिए कुछ भी नहीं है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से जुड़ी जानकारियां दीं। वित्त मंत्री ने इस बात का ब्योरा दिया कि पहले चरण में किन सेक्टर को राहत दी जा रही है। वित्त मंत्री ने MSME से लेकर, रियल एस्टेट कंपनियों और आम करदाताओं तक को राहत दी है। वित्त मंत्री ने आज करीब 6 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया। सरकार ने एमएसएमई, एनबीएफसी, एमएफआई, डिस्कॉम, रियल एस्टेट, टैक्स और कॉन्ट्रैक्टर्स को राहत देने के लिए 15 घोषणाएं की। एमएमएमई को 3 लाख करोड़ का लोन दिया जाएगा। इससे 45 लाख उद्योगों को फायदा होगा।

बता दे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज देने का ऐलान किया था। पीएम मोदी ने इसे आत्मनिर्भर भारत पैकेज नाम दिया है। पीएम मोदी का यह पैकेज इस मामले में ऐतिहासिक है कि 20 लाख करोड़ रुपये का यह अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक पैकेज है।