कोरोना वायरस: भारत में लॉकडाउन का दिखने लगा असर, तेजी से नहीं बढ़ रही संक्रमितों की संख्या

कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर दुनिया के साथ-साथ भारत में भी बढ़ता जा रहा है। भारत में कोरोना वायरस की साइकिल को रोकने के लिए यहां 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की गई है। जिसका आज दूसरा दिन है। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इस लॉकडाउन का फायदा दिखने लगा है और यही वजह है कि नए मरीजों की संख्या तेजी से नहीं बढ़ रही है। इसके अलवा संक्रमित लोगों की संख्या कुछ खास राज्यों से ही है। भारत में कुल संक्रमितों की संख्या 613 है। वहीं, अब तक इस वायरस से 12 लोगों की जान जा चुकी है। अहमदाबाद में 85 साल की बुजुर्ग महिला ने बुधवार देर रात दम तोड़ दिया। गुजरात के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, महिला कुछ दिनों पहले ही विदेश से लौटी थी और कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। 22 मार्च को उसे अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। भारत में मौत की संख्या भी दुनिया के बाकी हिस्सों के मुकाबले तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं। इन आंकड़ों से उम्मीदें बढ़ गईं है। सूत्रों का कहना है तस्वीर 10 दिनों में और साफ हो जाएगी।

सूत्रों का दावा है कि भारत में मरीजों की संख्या इसलिए तेजी से नहीं बढ़ रही है, क्योंकि यहां संक्रामक रोग प्रबंधन बेहद पुख्ता है। जबकि अमेरिका और इटली में ऐसा नहीं है। ये दोनों देश लाइफस्टाइल बीमारियों से ज्यादा परेशान है। जबकि भारत का पिछले कई सालों से संक्रामक बीमारियों को खत्म करने पर जोर रहा है। जिसका फायदा मिल रहा है।

WHO ने की तारीफ

बता दें कि कोरोना वायरस (Coronavirus) को फैलने से रोकने के लिए भारत द्वारा उठाए गए साहसिक लॉकडाउन के कदम की विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तारीफ की है। WHO ने कहा कि संकट की इस घड़ी में भारत ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है लेकिन इसके साथ भी आगाह भी किया किया कि अतिरिक्त आवश्यक उपायों के बिना लॉकडाउन खत्म होने के बाद कोरोना वायरस फिर से उभर सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी निदेशक मिशेल जे रेयान ने कहा कि आवश्यक उपायों, जरूरी सुरक्षाओं को लागू किए बिना, देश का इससे निकलना कठिन हो जाता है। अगर फिर से यह वापस आता है तो यह भारत के सामने एक बड़ी चुनौती होगी। हमारे पास अवसर बहुत कम हैं।