राज्य सरकार तय करेगी कैसा होगा लॉकडाउन-4 का रंग रूप

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 95 हजार 695 हो गई है। देश में रविवार को सबसे ज्यादा 5015 संक्रमिल मिले तो 2538 मरीज ठीक भी हुए। महाराष्ट्र में एक दिन में 2347 रिपोर्ट पॉजिटिव आईं। राज्य में अब कोरोना मरीजों की संख्या 33 हजार के पार पहुंच गई है, इनमें से 20 हजार सिर्फ मुंबई के हैं। इसके अलावा गुजरात और तमिलनाडु में संक्रमितों की संख्या 11-11 हजार से ज्यादा हो चुकी है। देश में लॉकडाउन के बावजूद कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से देश भर में फैलता जा रहा है, जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने 24 मार्च से लगा लॉकडाउन को अब बढ़ाकर 31 मई तक कर दिया है। यह लॉकडाउन का चौथा फेज है जो 18 मई से शुरू होकर 31 मई तक चलेगा। लॉकडाउन 4 के लिए गृहमंत्रालय ने दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं लेकिन इस बार के लॉकडाउन का रंगरूप कैसा होगा इसका फैसला केंद्र सरकार ने अब राज्य सरकार पर छोड़ दिया है। दरअसल, कोरोना से निपटने के मुद्दे पर राज्य सरकारें लगातार केंद्र सरकार को निशाने पर ले रही थीं कि वो खुद फैसला नहीं ले पा रही हैं। इसलिए अब केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के स्वरूप की जिम्मेदारी इस बार राज्य सरकारों को दी हैं।

अब राज्य सरकार को लेना है फैसला

राज्यों की एक और शिकायत जोनों के वर्गीकरण को लेकर थी, जो अब तक केंद्र सरकार तय कर रही थी। ऐसे में केंद्र सरकार ने लॉकडाउन-4 के व्यापक दिशानिर्देश तो तय कर दिए हैं, लेकिन इसे किस तरह से, किस हद तक लागू किया जाना है यह फैसला अब राज्य की सरकारों को लेना है।

लॉकडाउन-4 में केंद्र सरकार ने पूरे देश में सारी गतिविधियों की इजाजत दे दी है। इसमें न तो उद्योगों का वर्गीकरण किया गया है और न ही किसी तरह की सेवाओं को प्रतिबंधित किया गया है। लॉकडाउन 4 में अब ई-कॉमर्स से लेकर ओला-उबर जैसी टैक्सी सेवाएं भी शुरू की जा सकती है। बाजार में भी दुकानों का कोई वर्गीकरण नहीं किया है, जिससे सैलून, ब्यूटी पार्लर समेत सभी तरह की दुकानें खुल सकेंगी। ऐसे में अब राज्य सरकारें चाहें तो जमीनी परिस्थितियों को देखते हुए इन गतिविधियों पर रोक या कुछ छूट देकर बंद या चालू कर सकती है।

राज्य सरकार तय करेगी कैसा होगा लॉकडाउन-4 का स्वरूप

इसका मतलब साफ है कि राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ही तय करेंगे कि लॉकडाउन-4 का स्वरूप कैसा होगा। केंद्र सरकार के नए आदेशों के तहत अब राज्य सरकारों को छूट दी गई है वो अपने विवेकानुसार प्रदेश को ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन में बांटे। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने-अपने यहां कोरोना वायरस संक्रमण के हालात को देखते हुए रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन निर्धारित करने का अधिकार दिया गया है।

सरकार के द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर जिला प्रशासन अपने यहां रेड और ऑरेंज जोन में ‘निषिद्ध’ और ‘बफर’ जोन चिह्नित करेगा। इस दौरान रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में गतिविधियों और विभिन्‍न कार्यों के संचालन को लेकर बनाई जाने वाली योजना पर विचार विमर्श हुआ। इस बार केंद्र की ओर से दो नए कंटेंटमेंट जोन और बफर जोन भी जोड़े गए हैं। लेकिन किस क्षेत्र को इन जोन में डाला जाएगा अब इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।

दरअसल लॉकडाउन के पिछले तीन चरणों में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने और राजनीतिक दलों ने केंद्र सरकार की इस बात के लिए आलोचना की थी कि वह राज्यों पर अपनी कई पाबंदियां थोप रही है और राज्यों को अपने तरीके से काम करने का मौका नहीं दिया जा रहा है।

पश्चिम बंगाल के साथ तो कई मौकों पर केंद्र सरकार का टकराव भी हुआ और कांग्रेस शासित राज्यों ने भी केंद्र सरकार पर सवाल उठाए थे। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के मुख्यमंत्रियों के साथ अपनी पिछली बैठक में साफ कर दिया था कि वे अगले लॉकडाउन की घोषणा में राज्यों द्वारा दिए गए सुझावों का ध्यान रखेंगे और उसी के अनुसार दिशानिर्देश तय किए जाएंगे।

लॉकडाउन 4 में क्या-क्या खुलेगा?

- यात्री वाहनों और बसों की अंतरराज्यीय सेवा, जिसमें शामिल राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों की आपसी सहमति है को अनुमति दी जाएगी

- कंटेन्मेंट जोन में सिर्फ आवश्यक सेवाओं की इजाजत होगी। रेस्तरां को खाद्य पदार्थों की होम डिलीवरी के लिए रसोई संचालित करने की अनुमति होगी

- स्थानीय प्रशासन कंटेनमेंट इलाकों और मॉल्स को छोड़कर बाकी जगहों पर सभी तरह की दुकानों और बाजारों को खोलने की इजाजत दे सकेंगे, लेकिन दुकानें और बाजार खोलने और बंद करने का वक्त तय रहेगा, दुकानों में एक वक्त पर 5 से ज्यादा लोग नहीं जा सकेंगे, ऐसे में 2 गज की दूरी रखना होगा बेहद जरुरी

- स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और स्टेडियम खुल सकेंगे, लेकिन दर्शकों की इजाजत नहीं होगी

- चिकित्सा पेशेवरों, स्वास्थ्य कर्मचारी एक राज्य से दूसरे राज्य में आ जा सकते हैं

- हर तरह के सामान और कार्गो को अनुमति, खाली ट्रक भी चल सकेंगे

- 50 मेहमानों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को पालन करते हुए शादी समारोह को इजाजत

-अंतिम संस्कार के लिए, अधिकतम 20 लोगों को अनुमति

- रेस्टोरेंट्स खुल सकेंगे लेकिन यहां से सिर्फ होम डिलिवरी की जा सकेगी। यानी ग्राहक रेस्टोरेंट्स में बैठकर खाना नहीं खा सकेंगे

लॉकडाउन 4 में क्या-क्या रहेंगे बंद

- सुरक्षा और चिकित्सीय उद्देश्यों के लिए गृह मंत्रालय द्वारा अनुमति के अलावा, सभी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें निलंबित रहेंगी, मेट्रो की सेवाएं भी बंद रहेंगी

- स्कूल और कॉलेज पहले की ही तरह बंद रहेंगे, ऑनलाइन डिस्टेंस लर्निंग चलती रहेगी, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल बंद रहेंगे

- सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, और अन्य सभाओं को अनुमति नहीं दी जाएगी। सभी धार्मिक स्थल भी बंद रहेंगे

- आवश्यक गतिविधियों को छोड़कर शाम 7 से सुबह 7 बजे के बीच प्रतिबंध जारी रहेगा

- सार्वजनिक स्थानों पर शराब, पान, गुटखा और तम्बाकू के सेवन की अनुमति नहीं होगी

- वर्क फ्रॉम होम को जहां तक संभव हो जारी रखना चाहिए और कार्यालयों के हिसाब से काम के घंटों को तय किया जाना चाहिए।

- 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग, पहले से बीमार लोग, ग‌र्भवती महिलाएं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घर में ही रहना होगा। इलाज या बेहद जरूरी काम पर ही घर से बाहर निकल सकते है