केरल में मिला कोरोना वायरस का दूसरा मरीज, चीन से लौटा था

भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) का एक और मरीज मिला है। केरल में इस वायरस के दूसरे मरीज की पुष्टि हुई है। इससे पहले चीन से लौटी एक छात्रा में इस वायरस की पुष्टि हुई थी। डॉक्टर और सरकारी अधिकारियों ने इसकी पुष्टि कर दी है। ये मरीज केरल के किस इलाके से है इसकी फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।छात्रा को त्रिशूर मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक ये शख्स भी पिछले दिनों चीन गया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘मरीज कोरोना वायरस से पीड़ित पाया गया है और उसे अस्पताल में अलग कमरे में रखा गया है।’ उन्होंने बताया कि मरीज की हालत स्थिर है और उस पर करीबी नजर रखी जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक केरल में 1793 लोगों को फिलहाल निगरानी में रखा गया है। केरल सरकार ने लोगों से न घबराने की अपील की है। सरकार ने दावा किया कि वह कोरोना को लेकर किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने में सक्षम है लेकिन इसमें उसे लोगों के भी मदद की जरूरत है। केरल के सीएम पिनराई विजयन ने गुरुवार को केरलवासियों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें घबराने की बजाय सावधानी बरतने की कोशिश करनी चाहिए।

कोरोना के घातक रूप अख्तियार करने के बाद भारत ने अपने नागरिकों को वुहान से वापस लाना शुरू कर दिया है। शनिवार के दिन 324 भारतीयों को लेकर एअर इंडिया की विशेष फ्लाइट चीन के वुहान शहर से नई दिल्ली पहुंची थी, वहीं रविवार को भी 323 भारतीयों को लेकर विशेष फ्लाइट भारत के लिए रवाना हो चुकी है।

चीन में कोरोना वायरस (Coronavirus) से हर तरफ अफरातफरा का माहौल है। हर दिन कोरोना के कारण जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। चीन में कोरोना वायरस के कारण मृतकों की संख्या 300 के पार पहुंच गई है। रविवार की सुबह चीन सरकार ने जानकारी दी है कि पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमित 45 और पीड़ितों की मौत हो गई। मौत के नए मामलों को लेकर चीन में अब तक 304 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 12 हजार से अधिक लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। शनिवार को मृतकों की संख्या 259 थी।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत दिसंबर माह में चीन के हुबेई प्रांत से हुई थी। हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में कोरोना का पहला केस सामने आया था। हुबेई प्रांत का वुहान शहर ही इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित है, जहां बड़ी संख्या में भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई करते हैं।