कोरोना के खिलाफ लड़ाई में रेलवे ने शुरू की तैयारी, ट्रेन की बोगियों को बना रहे हैं आइसोलेशन वार्ड

देश भर में फैले कोविड-19 (Covid-19) के मद्देनजर भारतीय रेलवे ने इस महामारी से लड़ने के लिए ट्रेन की बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर रही है। ट्रेन के नॉन-एसी डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में बदला जा रहा है। इन ट्रेन कोचों में संक्रमण के संदिग्ध लोगों को क्वारेंटाइन के लिए रखा जाएगा। यहां उनके लिए दवाइयां और भोजन की भी व्यवस्था की गई है। रेलवे का कहना है कि अगर इस मॉडल को हरी झंडी मिल गई तो हर रेलवे जोन सप्ताह में 10-10 बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में बदलना शुरू कर देगा।

रेलवे के मुताबिक, इससे दूर-दराज के इलाकों में कोविड-19 के मरीजों के इलाज में मदद मिलेगी। वहीं, रेलवे ने कहा कि जरूरत आने पर वह ऐसे तीन लाख आइसोलेशन बेड बना सकता है। बताया गया है कि 28 नॉन एसी कोच को आइसोलेशन वार्ड में बदला गया है। जगाधरी वर्कशॉप में पांच और AMV में 5 कोच आइसोलेशन वार्ड में बदला गया है।

दोनों वर्कशॉप्स प्रोटोटाइप कोच फाइनल स्टेज में है। बताया गया कि 28 कोच 10 दिनों के भीतर यानी 6 अप्रैल तक तैयार कर दिया जाएगा। बताया गया कि हर कोच में हर कोच के आखिरी पार्टिशन से दरवाजे को हटा दिया गया है।

साथ ही हर कोच के आखिरी में 1 इंडियन स्टाइल टॉयलेट को बाथिंग रूम में बदला जा रहा है। टॉयलेट में बाल्टी, मग और शोप डिश भी रखा गया है। साथ ही मिडिल बर्थ्स को भी हटा दिया गया है।

रेलवे की ओर से जानकारी दी गई नॉन एसी कोच में ऊपर की तीसरी सीट यानी अपर बर्थ पर चढ़ने के लिए लगाई गई सीढ़ियों को भी हटा दिया गया है। साथ ही हर केबिन में दो बॉटल होल्डर भी लगाये जा रहे हैं ताकि मेडिकल इक्विपमेंट को रखा जा सके।

बताया गया कि बागियों के चार्जिंग स्लॉट्स को भी सही किया जा रहा है। साथ ही हर केबिन में प्लास्टिक पर्दे लगाने की तैयारी भी लगाये जा रहे हैं।

बता दे, भारत में कोरोना वायरस के 906 मामले सामने आ चुके है। जिसमें 803 संक्रमित एक्टिव है वहीं 83 लोग ठीक हो चुके है और 20 लोगों की मौत हो चुकी है।