स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम आइसोलेशन की गाइडलाइन में किया ये बदलाव, जानना बेहद जरुरी

कोरोना वायरस के मामले देश में लगातार बढ़ते जा रहे है। रविवार को एक दिन में रिकॉर्ड 4296 नए मरीज सामने आए। इसके साथ ही यहां कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर संख्या 67 हजार 161 हो गई है। देश में बढ़ते मामलों में सबसे चौकाने वाली बात जो सामने आ रही है कि ज्यादातर केस ऐसे हैं जिनमें कोरोना के बिल्कुल भी लक्षण नहीं हैं या थोड़े बहुत लक्षण हैं। ऐसे में हेल्थ मिनिस्ट्री ने कोरोना के बहुत हल्के (वेरी माइल्ड) लक्षण या प्री-सिम्प्टोमैटिक मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की गाइडलाइन में बदलाव किए हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री ने होम आइसोलेशन वाले मरीजों और उनकी देखभाल करने वालों के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। दोनों को ट्रिपल लेयर मास्क पहनना जरूरी होगा।

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होम आइसोलेशन में कौन रह सकता है

- जिसमें कोरोना के बेहद कम या बिल्कुल भी लक्षण न दिख रहे हों

- इस स्थिति में शख्स घर में अलग रह सकता है। परिवार के लोगों को अलग रहना होगा

- शख्स की देखभाल के लिए एक शख्स 24 घंटे मौजूद होना चाहिए जो हॉस्पिटल के भी टच में रहे

- फोन में आरोग्य सेतु ऐप होना चाहिए जो हमेशा ऐक्टव रहे

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मरीजों के लिए गाइडलाइंस

- हर वक्त ट्रिपल लेयर वाला मेडिकल मास्क पहनना होगा। हर 8 घंटे में मास्क बदलना होगा। अगर मास्क गीला या गंदा हो जाता है तो तुरंत बदलना पड़ेगा।

- इस्तेमाल के बाद मास्क को डिस्कार्ड करने से पहले 1% सोडियम हाइपो-क्लोराइट से संक्रमणरहित (डिसइन्फेक्ट) करना होगा।

- मरीज को अपने कमरे में ही रहना होगा। घर से दूसरे सदस्यों खासकर बुजुर्गों और हाइपरटेंशन या दिल की बीमारी वाले लोगों से कोरोना के मरीज का संपर्क नहीं होना चाहिए।

- मरीज को पर्याप्त आराम करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पानी या तरल (फ्लूइड) लेना चाहिए।

- सांस की स्थिति के लिए जो निर्देश दिए गए हैं वे मानने पड़ेंगे।

- साबुन-पानी या अल्कोहॉल वाले सैनिटाइजर से कम से कम 40 सैकंड तक हाथ साफ करते रहने चाहिए।

- पर्सनल चीजें दूसरों के साथ शेयर नहीं करनी चाहिए।

- कमरे में जिन सतहों को बार-बार छूना पड़ता है (जैसे- टेबलटॉप, दरवाजों के कुंडी और हैंडल) उन्हें 1% हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से साफ करना चाहिए।

होम आइसोलेशन वाले मरीज शुरुआती लक्षण दिखने के 17 दिन बाद होम आइसोलेशन खत्म कर सकेंगे। प्री-सिम्पटोमैटिक मामलों में सैंपलिंग के दिन से 17 दिन गिने जाएंगे। दोनों मामलों में यह शर्त होगी कि 10 दिन से बुखार नहीं आया हो। अंत में दोबारा टेस्टिंग की जरूरत नहीं है।