कोरोना संकट के बीच भारत से आई अच्छी खबर, मृत्युदर में आई गिरावट; रिकवरी रेट सुधरा

कोरोना महामारी से संक्रमित लोगों की गिनती जहां एक तरफ देश में बढ़ रही है वहीं दूसरी तरफ इस वायरस से होने वाली मौतों का आंकड़ा गिरा है और इस बीमारी से ठीक होने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। धीरे-धीरे ही सही पर भारत में कोरोना की सांसें फूल रही हैं और यही ट्रेंड रहा तो जल्द ही बीमार होने वालों से ज्यादा ठीक होने वालों की संख्या होगी।

45 दिन पहले कोरोना वायरस से बीमार लोगों की मौतों का प्रतिशत 3.3% था जबकि अब यह घटकर 2.83% पहुंच गया है। मरने वाले 70% लोगों को पहले से कोई न कोई गंभीर बीमारी थी। 18 मई को मृत्युदर 3.15% था जबकि 3 मई को यह 3.25% था। भारत में एक दिन में सबसे ज्यादा मौतों सरकारी आंकड़े के अनुसार 230 हैं। कोविड-19 (Covid-19) से रिकवरी रेट भी सुधरा है और यह 48.19% तक पहुंच गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के अनुसार, बीते डेढ़ महीने में इसमें 36.77% का इजाफा हुआ। रिकवरी रेट 15 अप्रैल को 11.42%, 3 मई को 26.59%, 18 मई को 38.29% था। रिकवरी रेट से बढ़ने से संकेत मिल रहा है कि देश में इस बीमारी की जल्द पहचान और इलाज किया जा रहा है। अलग-अलग राज्यों में रिकवरी रेट जरूर भिन्न है लेकिन ओवरऑल तस्वीर उत्साहवर्धक है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में मौतों की लगातार घटी संख्या की मुख्य वजह इस बीमारी की समय पर पहचान और उसका तुरंत इलाज के कारण है।

अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में राज्यों में कोरोना के केस बढ़ेंगे क्योंकि प्रवासी मजदूर अपने घर लौटे हैं और लॉकडाउन में ढील दी गई है। सरकार का लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा टेस्ट और मरीजों के जल्दी रिकवरी का है।

बता दे, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 लाख 98 हजार 220 हो गई है। सोमवार को 7572 रिपोर्ट पॉजिटिव आईं। महाराष्ट्र में मरीजों की संख्या 70 हजार, दिल्ली और तमिलनाडु में 20 हजार के पार हो गई। सोमवार को महाराष्ट्र में 2361, दिल्ली में 990, तमिलनाडु में 1162, दिल्ली में 990, गुजरात में 423, उत्तरप्रदेश में 286, प। बंगाल में 271, राजस्थान में 269, हरियाणा में 265, मध्यप्रदेश में 194, कर्नाटक में 187, जम्मू-कश्मीर में 155 और बिहार में 138 मरीज मिले। इनके अलावा 139 मरीज और बढ़े, लेकिन किन राज्यों में यह स्पष्ट नहीं हो सका।

केंद्र सरकार के 8 मई के गाइडलाइंस के मुताबिक, हल्के और मध्यम कोरोना पीड़ित मरीजों में अगर लक्षण नहीं बढ़ते हैं तो उसे 10 दिन बाद तंदरुस्त घोषित कर दिया जा रहा। यानी आने वाले समय में कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या और तेजी से बढ़ेगी।