अरविंद केजरीवाल ने कहा- दिल्ली के अस्पताल में होगा सबका इलाज, 31 जुलाई तक चाहिए 1.5 लाख बेड

दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों का होगा इलाज वाले केजरीवाल सरकार के फैसले को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मंगलवार को पलट दिया था। उपराज्यपाल के इस कदम के बाद पहले तो केजरीवाल सरकार हमलावर थी, लेकिन अब खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपना रुख बदल दिया। केजरीवाल ने कहा कि एलजी साहब के फैसले को लागू किया जाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उपराज्यपाल अनिल बैजल के आदेश को दोहराते हुए कहा है कि अब दिल्ली के अस्पताल में सबका इलाज होगा। केजरीवाल ने कहा कि हमने फैसला लिया था कि दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज होगा। इस फैसले को एलजी साहब ने पलट दिया। कई लोग कह रहे थे कि एलजी साहब, चुनी हुई सरकार के फैसले को कैसे पलट सकते हैं।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा, 'अब जब केंद्र और एलजी साहब ने फैसले को पलट दिया है तो हम उनके फैसले का अक्षरश: पालन करेंगे। कोई बयानबाजी या लड़ाई नहीं की जाएगी। हम सभी लोगों के लिए बेड का इंतजाम करने की कोशिश करेंगे और इसके लिए मैं खुद मैदान में उतरूंगा।'

इसके साथ ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने बताया है कि 31 जुलाई तक दिल्ली को 1.5 लाख बेड की जरूरत होगी। सीएम केजरीवाल ने आगे कहा, 'दिल्ली में अभी कोरोना के लगभग 31 हज़ार मामले हैं। इसमें कुल 12 हज़ार लोग ठीक हो गए हैं। 18 हज़ार एक्टिव केस में 15 हज़ार लोग होम आइसोलेशन में हैं।'

केजरीवाल ने आगे कहा, 'दिल्ली में आगे कोरोना और तेज़ी से फैलने वाला है। 15 जून तक यहां 44 हज़ार केस होंगे। वहीं 15 जुलाई तक सवा दो लाख केस हो जाएंगे। 31 जुलाई तक पांच लाख से ज्यादा केस होंगे।''

सीएम केजरीवाल ने कहा, 'दिल्ली में 31 जुलाई तक डेढ़ लाथ बेड की ज़रूरत होगी। कोरोना से हमें अगर बचना हो, तो इस जन आंदोलन बनाना होगा।'

अरविंद केजरीवाल की कोरोना रिपोर्ट आई नेगेटिव

वहीं, दूसरी ओर तबीयत खराब होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अपना कोरोना वायरस का टेस्ट करवाया था। उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है।

5 स्टार होटल को बनाया जा सकता है मेक शिफ्ट अस्पताल

अब स्वास्थ्य विभाग की ओर से अन्य बड़े अस्पतालों और 4 स्टार, 5 स्टार होटलों को अस्थाई रूप से कोविड अस्पताल बनाने की कोशिश जारी है। इनमें बेड के खर्च की अधिकतम सीमा को 10 हजार रुपये प्रति दिन तक तय किया जा सकता है, जिसमें खाना, इलाज और हाउस कीपिंग का काम शामिल हो।