इस मास्क के जरिए बचा जा सकता है कोरोना वायरस से, चीन ने भारत से मांगे

चीन से फैले कोरोना वायरस से दुनिया भर में 9,800 से ज़्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। चीन ने शुक्रवार शाम तक मुख्य भूमि में 9,692 मामलों की पुष्टि की है। इसके अलावा हांगकांग में 12 और मकाऊ में 5 मामले सामने आए हैं। इस वायरस से अब तक 259 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें अधिकतर मौतें चीन के हुबेई प्रांत में हुई हैं। इसी प्रांत में दिसंबर में नए तरीके के कोरोना वायरस का पता चला था। सरकार की तरफ से शुक्रवार को दी गई जानकारी के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन/डब्ल्यूएचओ (WHO) ने भारत समेत दुनिया के एक दर्जन से ज्यादा देशों में फैले खतरनाक कोरोना वायरस को वैश्विक स्वास्थ्य आपदा घोषित कर दिया है। चीन के सामने सबसे बड़ी दिक्कत है मास्क की कमी, जो वहां के लोगों को वायरस के संक्रमण से बचाने में बाधा बन रही है। मास्क का उपयोग अन्य लोगों को संक्रमण से बचाव में मददगार है।

N-95 वह मास्क है जिसके जरिए इस वायरस से बचा जा सकता है। चीन के पास अभी इस मास्क की कमी है। चीन ने भारतीय कंपनियों से इस मास्क की सप्लाई बढ़ाने की मांग की है। मेडिकल विशेषज्ञों की माने तो यह सबसे सुरक्षित मास्क है। यह PM2.5 से भी बचाता है। यह 500 से 1500 रुपये के बीच आता है। इस मास्क के साथ एक ही दिक्कत होती है कि यह काफी टाइट होता है। इसे हमेशा पहले रहना मुश्किल होता है। केरल में निपाह वायरस फैलने के दौरान भी N-95 मास्क का इस्तेमाल किया गया था। यह 95% प्रदूषण से बचाता है। जबकि, N-99 मास्क आपको 99% सुरक्षा प्रदान करता है। इन मास्क की कीमत 1000 रुपये से ऊपर होती है।

N-95 मास्क में N क्या है

जब प्रदूषण बढ़ता है या बीमारी फैलती है तब लोग कई तरह के मास्क खोजते हैं। जैसे - N-95, N-99, P-95, R-95 या Surgical Mask। इस तरह के मास्क में N का मतलब होता है Not Oil Resistant। यानी इससे आप हवा में घुले पार्टिकुलेट से बच सकते हैं लेकिन तैलीय प्रदूषण से नहीं।

आइए जानते हैं विभिन्न प्रकार के मास्क के बारे में...

सिंगल लेयर मास्क (Single Layer Mask)


डॉक्टरों की माने तो सबसे ज्यादा इसी मास्क का उपयोग होता है। इसका उपयोग ज्यादातर लोग प्रदूषण से बचने के लिए करते हैं। लेकिन यह बहुत प्रभावी नहीं होता। यह PM10 या PM 2.5 से नहीं बचा पाता। सिर्फ धूल के बड़े कणों को कुछ हद तक रोकता है। यह 25 से 100 रुपये तक आता है। इसकी रीयूजेबल और डिस्पोजेबल दोनों किस्में मिलती हैं।

ट्रिपल लेयर मास्क (Triple Layer Mask)

हल्के प्रदूषण से बचने में यह मास्क कुछ कारगर है। हालांकि, इससे भी 20% से 30% ही बचाव होता है। तीन लेयर होने से यह PM10 को रोकने में कामयाब रहता है। इसकी कीमत 100 से 800 रुपये तक है। इसे आप धुलकर दोबारा उपयोग में ले सकते हैं।

सिक्स लेयर मास्क (Six Layer Mask)

यह प्रदूषण से काफी ज्यादा बचाता है। लेकिन इससे भी बचाव सिर्फ 80% ही होता है। यह काफी हद तक PM10 के अलावा PM2.5 से बचाता है। यह 200 से 1000 रुपये तक मिलता है। यह भी वॉशेबल होता है।

R-95, R-99, P-95 और P-99 मास्क

इन मास्क की कीमत 3000 रुपये से ज्यादा होती है। इन मास्क को बेहद कम खरीदा जाता है क्योंकि इनमें से ज्यादातर मास्क आप धुलकर दोबारा उपयोग नहीं कर सकते।

R-95 मास्क में R क्या है

R-95 मास्क में R का मतलब होता है Oil Resistant। यानी ये आपको हवा में घुले पार्टिकुलेट मैटर के साथ-साथ तैलीय प्रदूषणकारी तत्वों से भी बचा सकता है।

P-95 मास्क में P क्या है

P-95 मास्क में P का मतलब होता है Oil Proof यानी हवा में घुले पार्टिकुलेट मैटर के साथ-साथ ये आपको तैलीय प्रदूषणकारी तत्वों से पूरी तरह बचाता है।

आपको बता दे, एयर इंडिया का डबल डेकर जंबो 747 विमान चीन के वुहान एयरपोर्ट से 324 भारतीय छात्रों को लेकर शनिवार सुबह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचा। इस विमान ने शुक्रवार देर रात चीन के वुहान से उड़ान भरी थी। यह विमान शनिवार की सुबह 7 बजे के बाद नई दिल्ली पहुंचा। इस विमान में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के 5 डॉक्टरों की टीम भी मौजूद थी। आईटीबीपी ने दिल्ली में ऐसी व्यवस्था की है, जहां 600 लोगों के इलाज, देखभाल के लिए अलग से बिस्तर की व्यवस्था रहेगी। सेना ने दिल्ली के छावला व हरियाणा के मानेसर में एक केंद्र बनाया है, जहां चीन से आए लोगों पर निगरानी रखी जाएगी। पहले यात्रियों की हवाईअड्डे पर जांच की जाएगी और उसके बाद उन्हें मानेसर स्थित केंद्र में लाया जाएगा। अगर किसी के कोरोना वायरस से ग्रसित होने की आशंका होगी तो उसे दिल्ली कैंट स्थित अस्पताल में बने एक अलग वॉर्ड में शिफ्ट किया जाएगा।