बिहार / अस्पताल के बाहर घंटों बारिश में पड़ी रही महिला, प्रशासन ने नहीं ली सुध

देश में कोरोना के 11 लाख से ज्यादा मरीज सामने आ चुके है। कोरोना महामारी एक ओर जहां विकराल रूप धारण करती जा रही है तो वहीं दूसरी ओर इस वायरस से संक्रमित लोगों को इलाज के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। बिहार में तो स्थिति बेहद खराब है। यहां संक्रमण तेजी से फैल रहा है। बिहार में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1 हजार 412 नए केस सामने आए हैं। राज्य में कुल संक्रमित की संख्या बढ़कर 26 हजार 379 हो गई है। पिछले 24 घंटे में 826 संक्रमित कोरोना को हराने में सफल रहे हैं। अब तक कुल 16597 लोग इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। अभी राज्य में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 9 हजार 602 है।

इमरजेंसी वार्ड के ठीक आगे गिरी पड़ी थी महिला

बढ़ते संक्रमण की वजह से मरीजों को इलाज पूरा नहीं मिल पा रहा है। कोरोना संदिग्ध मरीज अस्पताल के बाहर पड़े हुए हैं और उनका इलाज कराने के लिए काफी मिन्नतें की जा रही हैं। ऐसा ही एक नया मामला है राज्य के सीवान जिले से सामने आया है। यहां सदर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। एक महिला सुबह से सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के ठीक आगे गिरी पड़ी थी। सुबह से लगातार बारिश हो रही थी और वह महिला लगातार भीग भी रही थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ था।

हालांकि, सिविल सर्जन यदुवंश शर्मा से जब इस पूरे मामले को जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने साफ कर दिया कि वह कोरोना मरीज नहीं है। सीएस शर्मा ने यह भी कहा कि डीएम के द्वारा मुझे सूचना दी गई और हमने तुरंत संज्ञान लिया। दूसरी ओर, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के गृह जिले का अस्पताल लगातार तीन बड़े मामलों से एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल होने के बाद यूजर्स की ओर से दावा किया गया कि महिला को अस्पताल प्रशासन ने भर्ती कराया और उसका इलाज शुरू किया। कहा जा रहा है कि उसका कोरोना टेस्ट भी कराया जाएगा।

सोशल मीडिया पर वायरल

शिबली नाम के हैंडल से कहा गया कि वह महिला अकेली थी। मैंने अस्पताल वालों से कहा कि अगर कोई उसकी मदद नहीं करेगा तो वह मर जाएगी। तो उन्होंने कहा कि हम क्या कर सकते हैं। इस हैंडल से बिहार सरकार से मदद की गुहार लगाई गई। बाद में अस्पताल प्रशासन ने महिला को भर्ती कर लिया और उसका इलाज शुरू किया।