अमेरिका जैसा ट्रेंड रहा तो भारत में तीसरी लहर में आएंगे एक से सवा लाख नए कोरोना मरीज

एम्स दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने चेतावनी दी है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर अगले 6 से 8 हफ्तों में दस्तक दे सकती है। ऐसे में अगर हम अमेरिका के आंकड़ों से तुलना करें तो भारत में तीसरी लहर में एक से सवा लाख केस आ सकते हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि भारत और अमेरिका दोनों देशों में महामारी का ट्रेंड लगभग एक जैसा रहा है। वेव के बीच का अंतराल भी लगभग बराबर है।

अमेरिका में दूसरी लहर का पीक 8 जनवरी को आया था। इसमें एक दिन में 3.5 लाख केस आए थे। तीसरी लहर में इनमें करीब 70% की गिरावट आई और यह 9 अप्रैल को महज 85 हजार के पीक तक पहुंचा। अमेरिका में पहली लहर का पीक जुलाई 2020 में आया। छह महीने बाद जनवरी 2021 में दूसरा पीक और इसके 3 महीने बाद अप्रैल में तीसरा पीक आया। ठीक ऐसा ही भारत में भी हुआ। यहां पहली लहर का पीक सितंबर 2020 में आया। सात महीने बाद मई 2020 में दूसरा पीक आया। दूसरी लहर के पीक में 6 मई को सबसे ज्यादा 4.14 लाख केस आए थे। यही ट्रेंड रहा तो भारत में तीसरी लहर की पीक में अधिकतम एक से सवा लाख के बीच केस आएंगे। भारत में तीसरी लहर का पीक अगस्त के बीच में आने का अनुमान है।

डेल्टा वैरिएंट ला सकता है भारत में तीसरी लहर

कोरोना के कम होते मामलों के बीच डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट (Delta+ variant) को लेकर दुनियाभर में चिंता बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट भारत में कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट भारत में कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। हेल्थ सेक्रेटरी राजेश भूषण ने बुधवार को कहा कि यह वैरिएंट दुनिया के 9 देशों में है। भारत में अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के 22 मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 16 महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगांव से हैं। बाकी के केस मध्य प्रदेश और केरल से हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्टिया के हालिया निष्कर्षों के आधार पर महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को इस वैरिएंट से सतर्क रहने की सलाह दी गई है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इससे बहुत ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है।