पड़ोसी देश पाकिस्तान में वैक्सीन की हो रही कालाबाजारी, 12,000 रुपये में मिल रही टीके की दो खुराक

कोरोना वायरस का संचार तेजी से हो रहा हैं। इसी के साथ ही इसके कई प्रकार भी सामने आ रहे हैं। बचाव के लिए वैक्सीन लगवाना बहुत जरूरी हो गया हैं। दुनियाभर में मुफ्त टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। सभी देशों की सरकारों की यही कोशिश है कि वो अपने देश के ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को कोरोना की टीका लगवाएं। लेकिन इस संकट को देखते हुए पड़ोसी देश पाकिस्तान में वैक्सीन की कालाबाजारी हो रही हैं। पाकिस्तान में रूस की स्पुतनिक-वी की खुराक लगवाने के लिए नागरिकों को 12,000 पाकिस्तानी रुपये यानी कि 5,800 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।

एक तरफ जहां भारत ने वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने के लिए टीके के निर्यात को अस्थायी तौर पर रोक दिया है तो वहीं पाकिस्तान जैसा एक देश हैं, जहां वैक्सीन के नाम पर भी भ्रष्टाचार हो रहा है। पाकिस्तान में सरकारी वैक्सीन केवल फ्रंटलाइन वर्कर्स और 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ही लगाई जा रही है। यही नहीं पाकिस्तान में महंगी वैक्सीन के अलावा लोगों के सामने एक और समस्या है। पाकिस्तान में वैक्सीन लगवाने के लिए इतने पैसे देने के बाद भी स्थानीय लोगों को घंटों वहां इंतजार करना पड़ता है।