कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेताया, कहा- भारत में अगले 100 दिन काफी अहम

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल और नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने देश में कोरोना की स्थिति को लेकर शुक्रवार को कहा कि आने वाले 100-125 दिन काफी अहम रहने वाले हैं। नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा, 'कोरोना की तीसरी लहर की बात इसलिए हो रही है क्योंकि अभी हर्ड इम्युनिटी पर नहीं पहुंचे हैं। बड़ी आबादी को संक्रमण का खतरा बरकरार है। हम संक्रमण के रास्ते हर्ड इम्युनिटी तक नहीं पहुंचना चाहते। केस कम होने की रफ्तार धीमी हो गई है। हालात खराब न हो इसलिए कोविड-संबंधी व्यवहार बेहद जरूरी है।'

उन्होंने कहा कि 100-125 दिन बेहद अहम हैं, इसलिए सबको सतर्क रहना होगा और जिम्मेदारी निभानी होगी।

डॉ. वीके पॉल ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आंकड़ों के आधार पर विश्लेषण किया है और बताया है कि वर्ल्ड तीसरी वेब की ओर बढ़ रहा है।

पॉल ने WHO के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि स्पेन में 64% केस एक हफ्ते में बढ़े हैं। इसी तरह से नीदरलैंड्स में कोरोना के मामलों में 300% का इजाफा देखने को मिला है।

उन्होंने कहा, 'डब्ल्यूएचओ की चेतावनी ग्लोबल है। उसे हमें समझना है और जो जरूरी उपाय हैं उन्हें हमें अपनाना है।'

कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें

वहीं लव अग्रवाल ने बताया कि देश मे 40 हजार औसतन केस रिपोर्ट हो रहे हैं। 73 जिलों में रोजाना 100 से ज्यादा केस आ रहे हैं। पिछले 25 दिनों से 3% से कम पॉजिटिविटी रेट है। उन्होंने बताया कि म्यानमार, इंडोनेशिया, बांग्लादेश और मलेशिया में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। इस स्थिति को भारत में लोगों को समझने की जरूरत है और उस हिसाब से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें।

उन्होंने कहा, वेब से ज्यादा वेब की इंटेंसिटी देखना जरूरी है। वेब थर्ड भी हो सकती है और वेब फोर्थ भी हो सकती है। वेब की इंटेंसिटी वैक्सीनेशन और कोविड अप्रोप्रियट बिहेवियर पर निर्भर करेगी। लेकिन अभी तक सेकंड वेब ही खत्म नही हुई है।

लव अग्रवाल ने बताया कि ICMR के मुताबिक कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज से मौत का खतरा 95% कम हो जाता है और एक डोज से 82% तक मौत का खतरा घट जाता है। तमिलनाडु पुलिसकर्मियो पर की गई एक स्टडी के आधार पर इसका दावा किया गया। ये स्टडी इस साल 1 फरवरी से 14 मई तक तमिलनाडु के पुलिसकर्मियों पर की गई।

तमिलनाडु में 67,673 पुलिसकर्मियों ने वैक्सीन की दोनों डोज ली जबकि 32792 ने सिर्फ एक डोज ली। 17,059 ऐसे थे जिन्हें एक भी डोज नहीं लगी थी। इनमें से 31 लोगों की मौत हो गई। चार लोग ऐसे थे जिन्हें दोनों डोज लगी थी। सात लोगों को एक डोज लगी थी और 20 लोग ऐसे थे जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगाई थी।

उन्होंने बताया कि स्टडी में पाया गया कि वैक्सीन लगने के बाद अस्पताल जाने की नौबत 77% कम हो जाती है। ऑक्सीजन की जरूरत 95% कम हो जाती है। आईसीयू की जरूरत 94% कम हो जाती है।