जयपुर : कोविशील्ड लगवाते नहीं देनी होती सहमति लेकिन को-वैक्सीन में लिखित सहमति अनिवार्य

एक तरफ सरकार डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ के जीवनरक्षक वैक्सीन लगा रही है, लेकिन कोविशील्ड और को-वैक्सीन के अलग-अलग नियमों होने से टीके लगाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। सेन्टरों पर कोविशील्ड लगने वालों से सहमति नहीं ली जा रही, जबकि को-वैक्सीन बिना सहमति के नहीं लगवा सकते।

को-वैक्सीन लगवाने वालों से सहमति पत्र भरवाना व क्लीनिकल ट्रायल ऑथोराइजेशन मिलने से डर रहे हैं। यह खुलासा राजधानी के एसएमएस अस्पताल, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, अजमेर रोड के पहले सोडाला स्थित ईएसआई था, लेकिन अब शैल्बी, कांवटिया, गणगौरी, मेट्रोमास, नारायणा और जेएनयू में कोविन सॉफ्टवेयर में रजिस्टर्ड लाभार्थियों से जानकारी लेने पर हुआ है। सवाल उठता है कि दवा तो एक ही है, लेकिन नियम अलग-अलग क्यों हैं?

स्टेट नोडल अधिकारी (टीकाकरण) डॉ.रघुराज सिंह का कहना है कोविन सॉफ्टवेयर में नया प्रावधान किया गया है। इसके तहत कोई लाभार्थी टीका लगवाने के लिए नहीं आता है और उसकी जगह उस सेन्टर पर पंजीकृत लाभार्थी आने पर अब टीका लग सकेगा। चाहे लाभार्थी का सेन्टर पर सूची में नाम उपलब्ध नहीं होने पर भी टीका लगने की सुविधा प्रारंभ कर दी है। यह सुविधा 22 जनवरी से उपलब्ध होगी।