कल से राजस्थान दौरे पर राहुल गांधी, लोकदेवता तेजाजी मंदिर में टेकेंगे माथा

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार से राजस्थान के दो दिन के दौरे पर आ रहे हैं। राहुल के इस दौरे को राजनीतिक प्रेक्षकों ने 'एग्रो-स्प्रीच्युअल पॉलिटक्स' का नाम दिया है। बताया जा रहा है कि सॉफ्ट हिंदुत्व मॉडल के तहत राहुल गांधी 'टैंपल रन' की तरफ लौटे हैं। राहुल गांधी दो दिन में 4 जिलों में 5 सभाएं और ट्रैक्टर रैली करेंगे। इस दौरान मंदिर पहुंचकर माथा भी टेकेंगे। राहुल का यह दौरा सीधे तौर पर किसान आंदोलन से जुड़ा है। वे जिन चार जिलों में जाएंगे, उनमें से पंजाब से लगा श्रीगंगानगर और हरियाणा से सटा हनुमानगढ़ किसान आंदोलन प्रभावित है। यह नागौर बेल्ट में आते हैं जो कि आजादी के वक्त से ही किसान आंदोलन का केंद्र रहा है।

राहुल पहले दिन शुक्रवार की सुबह 11:30 बजे हनुमानगढ के पीलीबंगा आएंगे। यहां कृषि मंडी में किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे। दोपहर 1 बजे के आसपास वे रिसेप्शन के लिए गोलूवाला में रुकेंगे। फिर दोपहर 3 बजे श्रीगंगानगर के पदमपुर में किसानों की सभा को संबोधित करेंगे। वे यहां रवाना होकर सूरतगढ पहुंचेंगे जहां रात्रि विश्राम करेंगे।

वहीं, 13 फरवरी की सुबह श्रीगंगानगर से प्लेन से रवाना होंगे और सुबह 10 बजे के करीब किशनगढ़ एयरपोर्ट पर उतरेंगे। यहां वे पास में ही लोक देवता वीर तेजाजी के बलिदान स्थल सुरसुरा मंदिर जाएंगे और वहां पूजा-अर्चना करेंगे। तेजाजी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद वहीं पर सभा को भी संबोधित करेंगे। इसके बाद रूपनगढ़ में ट्रैक्टर रैली में हिस्सा लेंगे और किसानों को संबोधित करेंगे। राहुल ट्रैक्टर रैली के बाद नागौर के परबतसर और मकराना में किसान सभाओं को संबोधित करेंगे। राहुल का 13 फरवरी का दौरा सबसे ज्यादा चर्चा में है। इस दिन के दौरे की शुरुआत लोकदेवता वीर तेजाजी के बलिदान स्थल सुरसुरा मंदिर से करेंगे। जाट और कई किसान जातियों की सुरसुरा धाम में गहरी आस्था है। राहुल का सुरसुरा मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करना इन्हीं जातियों के वोट बैंक को मैसेज देने की कवायद है। जाट और कई किसान जातियां कांग्रेस का बड़ा वोट बैंक हमेशा से रही हैं।

बताया जा रहा है कि किसान के वोट बैंक में बीजेपी सेंध लगा चुकी है। राहुल अपने इस दौरे में किसानों को अपने पाले में करने की कोशिश करेंगे। राजस्थान में नागौर जाट-किसान राजनीति का सेंटर माना जाता है। बताया जाता है कि इसी वोट बैंक को साधने के लिए राहुल गांधी के दौरे में टैंपल रन, ट्रैक्टर रैली और किसान सभाओं का कॉकटेल किया गया है।