लोकसभा में गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषण के दौरान उस वक्त जमकर हंगामा मच गया, जब उन्होंने बजट पर चर्चा के दौरान अपने भाषण में किसान आंदोलन और कृषि कानून को लेकर बहस शुरू कर दी। इसके साथ ही राहुल गांधी ने स्पीकर ओम बिरला की अनुमति के बिना मृतक किसानों के लिए 2 मिनट का मौन रखवाया। इस पर स्पीकर ने आपत्ति जताई और कहा कि ऐसा करना नियमों को उल्लंघन है। अगर राहुल गांधी मौन रखवाना चाहते थे तो पहले उनसे अनुमति लेनी चाहिए थी।
इससे पहले राहुल गांधी ने तीन कृषि कानूनों को किसानों के लिए बेरोजगारी, भूख और आत्महत्या का ऑप्शन बताया। उन्होंने कहा, 'पहले कृषि कानून के कंटेंट में मंडियों को खत्म करने का प्रावधान है। जबकि दूसरे कृषि कानून के कंटेंट का मकसद जमाखोरी को बढ़ावा देना है। वहीं तीसरे कृषि कानून के कंटेंट में है कि जब एक किसान हिंदुस्तान के सबसे बड़े उद्योगपतियों के सामने जाकर सब्जी-अनाज के लिए सही दाम मांगेंगे तो उसे अदालत में नहीं जाने दिया जाएगा। राहुल ने कहा कि सरकार की जो नीतियां हैं, उनसे देश के किसान के साथ-साथ गरीब और मिडिल क्लास भी बर्बाद हो जाएगा।'
टीएमसी के सांसदों का मिला राहुल का समर्थनबता दे, राहुल गांधी ने बजट पर चर्चा के दौरान अपने भाषण में किसान आंदोलन और कृषि कानून को लेकर बहस शुरू कर दी। सत्ता पक्ष के लोगों ने इसे नियमों के खिलाफ बताकर राहुल गांधी से बजट पर अपनी बात रखने की मांग की। इस दौरान सदन में मौजूद टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) के सांसदों ने राहुल गांधी का पक्ष लिया और उन्हें बोलने न देने पर सत्ताधारी दल के सांसदों की आलोचना की।
राहुल का निशाना पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, अंबानी और अडानी की ओर था। इसे लेकर सत्ता पक्ष के सांसदों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। बीजेपी के एक सांसद ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा खत्म हो गई है। ऐसे में अब उस पर चर्चा करके राहुल स्पीकर का अपमान कर रहे हैं। रूल बुक दिखाते हुए उन्होंने कहा कि मैं उन्हें (राहुल गांधी को) याद दिलाना चाहता हूं कि वह केवल बजट पर चर्चा करें। उन्होंने राहुल गांधी से उनके आरोपों को सिद्ध करने की भी चुनौती दी। इसके बाद अधीर रंजन चौधरी खड़े हुए और नियम बताते हुए कहा कि सदन में जनरल डिस्कशन की अनुमति है। बजट में एग्रीकल्चर का भी मुद्दा है, इसलिए इस पर बहस करना गलत नहीं है। अधीर रंजन के बाद टीएमसी सांसद सौगत रॉय भी राहुल गांधी के समर्थन में खड़े हो गए। उन्होंने स्पीकर को नियम समझाते हुए कहा कि अगर कोई माननीय सदस्य अपनी बात रख रहे हों तो उन्हें शोर या किसी अनुचित तरीके से डिस्टर्ब नहीं किया जाना चाहिए। फिर (सत्ता पक्ष के) लोग राहुल गांधी को डिस्टर्ब क्यों कर रहे हैं?