कांग्रेस का ऐलान-ए-जंग : राफेल के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने के लिए बनाई टास्क फोर्स

कांग्रेस 'Congress' वॉर रूम यानी 15 गुरुद्वारा रकाबगंज से पार्टी नेताओं ने फ्रांस से हुए राफेल लड़ाकू विमान 'Rafale Issue' के सौदे को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने की घोषणा की है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 'Rahul Gandhi' ने कथित राफेल घोटाले को उजागर कर जनता के सामने ले जाने के लिए 6 सदस्यीय टास्क फोर्स 'Task Force' का गठन किया है। सूत्रों के मुताबिक इस टास्क फोर्स के सदस्यों को खुद राहुल गांधी ने चुना है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयपाल रेड्डी की अगुआई वाले इस टास्क फोर्स में अर्जुन मोढवाडिया, शक्ति सिंह गोहिल, प्रियंका चतुर्वेदी, जयवीर शेरगिल के साथ पवन खेड़ा भी होंगे। बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि राफेल सौदे की कीमतों के अलावा मोदी-अंबानी के रिश्तों के चलते हुए सौदे में बदलावों को प्रमुखता से उजागर करें। राफेल को लेकर स्लोगन, तथ्यों और सबूतों के साथ प्रचार सामग्री आदि भी केंद्रीय स्तर पर तैयार कर राज्यों को भेजी जाएगी।

बताया जा रहा है कि यह टास्क फोर्स 6 महीने के समय में देश के 160 जिलों को कवर करेगा और राफेल के मुद्दे को लेकर जनता तक पहुंचेगा। इस दौरान यह टास्क फोर्स देश के अलग-अलग शहरों में 100 सभाएं भी करेगा। इस टास्क फोर्स के अभियान का पहला चरण 25 अगस्त से शुरू हो सकता है।

बीते दिनों इस मुद्दे पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि (कांग्रेस द्वारा) विभिन्न प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गए आरोपों का जवाब पहले ही संसद में दिया जा चुका है। शनिवार को हुई एक अहम बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी प्रदेश इकाइयों को इस लड़ाई को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया। इस मीटिंग के बाद पार्टी के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया को बताया कि कांग्रेस भ्रष्टाचार के इस खेल का खुलासा कर जनता के समक्ष तथ्य और सबूत रखेगी। राफेल के भ्रष्टाचार में चौकीदार अब भागीदार बन गए हैं। देश को इस सौदे में 41 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। बैठक में तय हुआ कि इस मुद्दे पर देश भर में करीब 90 प्रेस कॉन्फ्रेंस के अलावा एक व्यापक जन आंदोलन छेड़ा जाएगा। राफेल की सच्चाई बताने का जिम्मा बड़े नेताओं को सौंपा गया है जो राज्यों, जिलों तक सुनिश्चित करेंगे कि मोदी सरकार के भ्रष्टाचार की सच्चाई ब्लॉक और मंडल तक पहुंचे। पार्टी नेता लड़ाकू विमान की कीमत और अनिल अंबानी से मोदी के रिश्तों को भी उजागर करेगी।

गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से कांग्रेस राफेल के मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर लगातार हमलावर रही है। हैदराबाद में 14 अगस्त को एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि वह इस 'घोटाले' पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ डिबेट करना चाहेंगे। हालांकि केंद्र सरकार ने राफेल के मुद्दे पर कांग्रेस के आरोपों को यह कहकर खारिज कर दिया कि वह सत्तारूढ़ दल की छवि को नुकसान पहुंचाना चाहती है।