कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है, जहां अदालत ने उनके खिलाफ गुजरात में दर्ज FIR को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि कांग्रेस सांसद की ओर से किया गया कार्य किसी भी अपराध की श्रेणी में नहीं आता। फैसले में न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि साहित्य और कला जीवन को अधिक सार्थक बनाते हैं, और गरिमापूर्ण जीवन के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आवश्यक है। क्या है पूरा मामला?
इमरान प्रतापगढ़ी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो साझा किया था, जिसमें वे चलते हुए हाथ हिला रहे थे और उन पर फूलों की पंखुड़ियां बरसाई जा रही थीं। इस 46 सेकंड के वीडियो की पृष्ठभूमि में ऐ खून के प्यासे बात सुनो गाना बज रहा था।
गुजरात पुलिस ने इस गाने को आधार बनाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस का आरोप था कि गाने के बोल भड़काऊ थे, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक थे और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले थे। हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रतापगढ़ी को बड़ी राहत मिल गई है।