हैदराबाद। तेलंगाना के सिद्दीपेट में शुक्रवार आधी रात को कांग्रेस और भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) कार्यकर्ताओं के बीच टकराव के बाद तनाव व्याप्त हो गया, जिसके दौरान बीआरएस विधायक टी हरीश राव के कार्यालय में तोड़फोड़ की गई। स्थिति तब और बिगड़ गई जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सिद्दीपेट विधायक हरीश राव के इस्तीफे की मांग करते हुए बैनर लगाए। बीआरएस कार्यकर्ता बैनर हटाने के लिए पहुंचे तो तीखी नोकझोंक हुई।
विधायक के कैंप कार्यालय के पास कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के दौरान यह मौखिक विवाद और बढ़ गया। विधायक ने आरोप लगाया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस हाई वोल्टेज ड्रामे के दौरान उनके कार्यालय में तोड़फोड़ की।
स्थिति हिंसक होने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पार्टियों के सदस्यों को हिरासत में लिया गया। विधायक राव द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में कुछ लोगों का समूह, कथित तौर पर कांग्रेस कार्यकर्ता, उनके कार्यालय में लगे एक फ्लेक्स बोर्ड को नष्ट करते हुए दिखाई दे रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ताले तोड़ दिए और संपत्ति में तोड़फोड़ की।
हरीश राव ने एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से जवाब देते हुए कहा, इस तरह से ताले तोड़ना और संपत्ति को नुकसान पहुंचाना न केवल अलोकतांत्रिक है, बल्कि गंभीर चिंता का विषय भी है।
उन्होंने आगे कहा, पुलिस ने इस हमले को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने के बजाय, अपराधियों को संरक्षण दिया। अगर एक विधायक के आवास को इतनी बेशर्मी से निशाना बनाया जा सकता है, तो नागरिकों को अपनी सुरक्षा के बारे में क्या भरोसा है? पुलिस की मौजूदगी में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
उन्होंने तेलंगाना के शीर्ष पुलिस अधिकारी से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया।
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि क्या यह वही मोहब्बत की दुकान है, जिसके बारे में नेता राहुल गांधी बात करते हैं। उन्होंने हमले की निंदा करते हुए इसे कायराना हरकत बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ राहुल गांधी ‘मोहब्बत की दुकान’ की बात करते हैं, लेकिन उनकी पार्टी तेलंगाना में ‘नफरत की दुकान’ की आड़ में हिंसा भड़का रही है।’’
केटीआर ने आगे पूछा कि क्या इस तरह से राहुल गांधी, जो संविधान के रक्षक होने का दावा करते हैं, संवैधानिक मूल्यों की रक्षा कर रहे हैं।