जामिया हिंसा मामले पर जानिए आज किसने क्या कहा

नागरिकता कानून को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। रविवार को दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया और उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हिंसक प्रदर्शन हुए। जामिया प्रशासन और पुलिस भी इस मामले में आमने-सामने आ गई। यूनिवर्सिटी में पुलिस के घुसने पर विश्वविद्यालय प्रशासन एफआईआर दर्ज कराने की बात कह चुका है। इस बीच, पुलिस ने साफ किया कि इस मामले में दोषियों की पहचान की जा रही है। आइए जानते हैं कि जामिया हिंसा मामले में किसने क्या कहा...

पीएम की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पर हिंसक प्रदर्शन करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। चर्चा और विरोध लोकतंत्र का हिस्सा है लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना सही नहीं है। इस कानून से किसी भी नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है। इसपर उन्होंने लगातार पांच ट्वीट किए।

पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'नागरिकता संशोधन अधिनियम पर हिंसक विरोध बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद हैं। बहस, चर्चा और असंतोष लोकतंत्र के आवश्यक अंग हैं लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और सामान्य जीवन में अशांति फैलाना हमारे स्वभाव का हिस्सा नहीं है।'

दूसरे ट्वीट में कहा, 'नागरिकता संशोधन कानून, 2019 को संसद के दोनों सदनों ने भारी समर्थन से पास किया है। बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों और सांसदों ने इसके लागू होने के लिए समर्थन किया है। यह अधिनियम भारत की सदियों पुरानी संस्कृति की स्वीकृति, सद्भाव, करुणा और भाईचारे को दर्शाता है।'

तीसरे ट्वीट में लिखा, 'मैं अपने साथी भारतीयों को स्पष्ट रूप से आश्वस्त करना चाहता हूं कि नागरिकता कानून भारत के किसी नागरिक या किसी धर्म को प्रभावित नहीं करता है। किसी भी भारतीय को इस कानून को लेकर कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। यह कानून केवल उन लोगों के लिए है जिन्हें बाहर अत्याचार का सामना करना पड़ा और जिनके पास भारत को छोड़कर कोई और जगह नहीं है।'

चौथे ट्वीट में लिखा, 'समय की मांग यह है कि हम सभी को साथ मिलकर देश के विकास और हर भारतीय को सशक्त बनाने के लिए काम करना चाहिए। खासतौर से गरीब, दलित और हाशिए पर पहुंचे हुए लोगों के लिए। हम निहित स्वार्थी समूहों को हमें विभाजित करने और अशांति पैदा करने की अनुमति नहीं दे सकते।'

पांचवे ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'यह शांति, एकता और भाईचारा बनाए रखने का समय है। मेरी आप सभी से अपील है कि हर तरह की अफवाह फैलाने वालों और झूठ से दूर रहें।'

पुलिस

पुलिस ने इस मामले पर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटना की जानकारी दी। दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा, 'इस घटना को लेकर बहुत सी अफवाहें चल रही हैं, मैं सभी से विशेष रूप से छात्रों से अपील करता हूं कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें। इस घटना में जो भी शामिल है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आप किसी भी अफवाह पर भरोसा न करें। बच्चे चिंता मत करें, घबराएं न और किसी भी बहकावे में न आएं। ऐक्शन उन्हीं के खिलाफ लिया जाएगा जो इसमें अवैध रूप से शामिल हैं। हम संदिग्धों की पहचान कर रहे हैं।

दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल

दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल ने जामिया हिंसा पर कहा है कि वह छात्रों से अपील करते हैं कि जब उनके प्रदर्शन में राष्ट्रविरोधी तत्व जुड़ जाते हैं तो उनकी इमेज खराब होती है। ऐसे में उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण और अनुशासित होना चाहिए। पुलिस ने उन अफवाहों को सिरे से नकार दिया जिसमें कहा जा रहा है कि बस पुलिस ने जलाई। चिन्मय बिस्वाल ने कहा यह पूरी तरह से झूठ है कि बस हमने जलाई। जब भीड़ बसों में व अन्य सार्वजनिक संपत्तियों में आग लगा रही थी तो पुलिस उसे बुझाने का प्रयास कर रही थी। हमने आसपास के घरों और होटलों से पानी लाकर आग बुझाने का प्रयास किया। डीसीपी ने कहा कि जहां तक एक खास बस में आग लगाने का सवाल है तो पुलिस ने उसकी आग बुझाने के लिए बोतल के पानी का इस्तेमाल किया।

विपक्ष

संशोधित नागरिकता कानून पर हिंसा के बाद अब राजनीति तेज हो गई है। सोमवार को विपक्षी नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने पुलिस ऐक्शन पर सवाल उठाते हुए गृह मंत्री अमित शाह को भी घेरा। इस दौरान कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, सीपीआई के सीताराम येचुरी, डी राजा आदि लोग मौजूद थे। सभी ने इस जामिया यूनिवर्सिटी हिंसा मामले में न्यायिक जांच की मांग की। बता दें कि विपक्षी नेता आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति से भी मिलेंगे। गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस वक्त देशभर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसा कोई राज्य नहीं बचा जहां विरोध न हो रहा हो। आजाद ने कहा, पुलिस कैंपस में घुसी, लाइब्रेरी में जाकर, बाथरूम में जाकर छात्रों को पीटा। अंधेरे में वहां छात्र फंस गए थे। लड़कियां बचाओ, बचाओ चिल्ला रही थीं।

वीसी नजमा अख्तर

जामिया मिलिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई और प्रदर्शन पर वीसी नजमा अख्तर ने कहा कि जो कार्रवाई हुई है इससे हम आहत हैं। उन्होंने छात्रों से अपील की है कि किसी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें। आगजनी की घटना में छात्रों के शामिल होने से भी वीसी ने इनकार किया। कुलपति नजमा अख्तर ने कहा कि जबरन कैंपस में घुसने के मामले में पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएंगे उन्होंने कहा, 'हमारी यूनिवर्सिटी का बहुत नुकसान हुआ है इसकी भरपाई कैसे होगी? इसके साथ ही जो हमारे बच्चों का भावनात्मक नुकसान हुआ है उनके साथ हिंसा हुई है, हम उसके लिए बहुत चिंतित हैं। हम यूनिवर्सिटी के अंदर पुलिस की एंट्री के खिलाफ आज एफआईआर दर्ज कराएंगे।' वीसी ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई से जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय का विश्वास हिल गया है। पुलिस की कार्रवाई से विश्वविद्यालय के दो छात्रों के मरने की खबर गलत है। पुलिस कार्रवाई में लगभग 200 लोग घायल हुए हैं, इसमें विश्वविद्यालय के कई छात्र भी शामिल हैं। हमारे बच्चों को पुलिस अपने साथ कल लेकर गई थी, हमारा पूरा स्टाफ कल रात भर उन्हें सुरक्षित वापस लौटाने में लगा था। हमारे पास बयान जारी करने के लिए वक्त नहीं था। सभी घायल छात्रों का इलाज चल रहा है, उनकी अपने पैरंट्स से बात कराई गई है। ज्यादातर छात्र हैं, लेकिन कुछ बाहर के भी बच्चे हैं उन्हें भी छुड़ाया गया। भले ही हमारे यूनिवर्सिटी के बच्चे नहीं हैं, लेकिन किसी के तो बच्चे हैं। यूनिवर्सिटी को बहुत नुकसान पहुंचा है। उन्होंने अपील की है कि, छात्र अफवाहों पर भरोसा न करें।

छात्र

उधर, छात्रों का कहना है कि वे इस हिंसा में शामिल नहीं थे। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों का विरोध प्रदर्शन था जिसको समर्थन देने के लिए वे गए थे। हिंसा से उनका कोई लेनादेना नहीं है। जामिया प्रशासन ने भी हिंसा में किसी भी छात्र के शामिल नहीं होने की बात कही है।