
बीजिंग/नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते सैन्य तनाव को लेकर चीन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और दोनों देशों से शांति और संयम बनाए रखने का आह्वान किया है। बीते कुछ समय में पाकिस्तान की ओर से भारत के विभिन्न सीमावर्ती क्षेत्रों में मिसाइल और ड्रोन के ज़रिए हमले किए गए हैं। भारतीय सेना और एयर डिफेंस सिस्टम ने इन हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम किया है, लेकिन सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है।
इस बीच चीन, जो परंपरागत रूप से पाकिस्तान का सहयोगी माना जाता है, ने अप्रत्याशित रूप से संतुलित और शांति की पक्षधर भूमिका अपनाई है। शनिवार को चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि बीजिंग मौजूदा हालात को लेकर बेहद चिंतित है और स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है। बयान में यह भी कहा गया कि भारत और पाकिस्तान, दोनों परमाणु शक्ति-संपन्न देश हैं, और ऐसे में टकराव से बचना बेहद ज़रूरी है।
चीन ने अपने बयान में ज़ोर देते हुए कहा कि हम दोनों देशों से आग्रह करते हैं कि वे अपने मतभेदों को बातचीत और कूटनीतिक माध्यमों से हल करने का प्रयास करें। क्षेत्र में स्थिरता और शांति सिर्फ भारत और पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हित में है।
चीन ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस मामले में मध्यस्थता नहीं कर रहा है, लेकिन यदि दोनों पक्षों की सहमति हो तो वह क्षेत्रीय शांति बनाए रखने की दिशा में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार है। चीन के अनुसार, वर्तमान हालात को देखते हुए किसी भी प्रकार की उकसावे वाली कार्रवाई से बचना चाहिए, क्योंकि इससे टकराव और गहरा सकता है।
विश्लेषकों के अनुसार, चीन की यह पहल एक रणनीतिक संदेश भी है—वह यह दिखाना चाहता है कि वह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए ज़िम्मेदार शक्ति के रूप में कार्य कर रहा है, विशेषकर ऐसे समय में जब दक्षिण एशिया में भू-राजनीतिक तनाव चरम पर है।
इस पूरे घटनाक्रम पर भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने सीमा पर चौकसी और बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में चीन की भूमिका और भारत की प्रतिक्रिया दोनों पर करीबी नज़र रखनी होगी।