भरतपुर : कितना सही हैं सरकार का यह फैसला, अब स्कूल में बच्चों को नहीं मिलेगा गर्म दूध

सरकारी स्कूलों में बच्चों को पोषण की पूर्ती के लिए दूध और भोजन दिया जाता था। जिसमें से अब सरकार द्वारा अन्नपूर्णा दुग्ध योजना को बंद किया जा रहा हैं जिसके बाद अब बच्चों को गर्म दूध पीने को नहीं मिलेगा। इसके बचे हुए 1.21 करोड़ रुपए के बजट को अब दूसरे कामों में खर्च किया जाएगा।

इधर, लॉकडाउन में मिड डे मील का बचा हुआ गेहूं जरूरतमंदों में बांट दिए जाने के कारण अब स्कूली बच्चों के परिवारों को खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। अब तक 444 मेट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण किया जा चुका है। अति. जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा सुनील अग्रवाल ने बताया कि अब तक जुलाई -अगस्त माह के मिड डे मील का वितरण किया जा चुका है। अब बच्चों को उनके अभिभावकों के जरिए सितंबर और अक्टूबर के सूखे खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। इसमें कक्षा 1 से 5 वीं तक के विद्यार्थियों को 4.900 ग्राम और कक्षा 6 से 8वीं तक के विद्यार्थियों को 7.300 ग्राम गेहूं और चावल दिया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि मिड डे मील का स्कूलों में रखा 808.26 मैट्रिक टन गेहूं और 306.27 मैट्रिक टन चावल वितरण लॉकडाउन में स्कूल बंद होने के कारण जरूरतमंदों को वितरित कर दिया गया था ताकि वह खराब न हो।

मिडे मील योजना के तहत कुकिंग कन्वर्जन की राशि से सरकार अब विद्यार्थियों को कॉम्बो पैकेट्स वितरित करेगी। इसमें कक्षा 1 से 8 वीं तक के विद्यार्थियों को 14 मार्च से 30 जून तक की कन्वर्जन राशि से चना दाल, तेल सोयाबीन, धनिया पाउडर, मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, नमक, जीरा दिया जाएगा।