नई दिल्ली। सीबीआई ने कथित छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग घोटाले की जांच अपने हाथ में ले ली है, जिसमें तत्कालीन अध्यक्ष के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों, अधिकारियों और राजनेताओं को 2020-22 के दौरान जिला कलेक्ट्रेट और डिप्टी एसपी के रूप में नियुक्त किया गया था।
उन्होंने बताया कि एजेंसी ने तत्कालीन सीजीपीएससी अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी, सचिव जे के ध्रुव और अन्य के खिलाफ कथित भाई-भतीजावाद और अपने अयोग्य बेटों, बेटियों, रिश्तेदारों और परिचितों को जिला कलेक्टरों, पुलिस उपाधीक्षकों और ऐसे अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भर्ती सुनिश्चित करने के लिए मेरिट सूची में शामिल करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है।
सीबीआई ने सोमवार को तामन सिंह सोनावानी, सचिव ध्रुव (दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है) और अन्य के रायपुर और भिलाई स्थित आवासीय परिसरों पर छापेमारी की।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि सोनावानी के बेटे नितेश का चयन कथित तौर पर डिप्टी कलेक्टर, उनके बड़े भाई के बेटे साहिल का चयन डिप्टी एसपी, उनकी बहन की बेटी सुनीता जोशी का चयन श्रम अधिकारी, उनके बेटे की पत्नी निशा कोसले का चयन डिप्टी कलेक्टर और उनके भाई की बहू दीपा आदिल का चयन जिला आबकारी अधिकारी के पद पर हुआ है।
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, यह भी आरोप लगाया गया है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के तत्कालीन सचिव (ध्रुव) ने अपने बेटे (सुमित) को डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित कराया।
उन्होंने बताया कि एजेंसी ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ सरकार के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों के बेटे, बेटियों, रिश्तेदारों और राजनेताओं के नाम भी परीक्षा में चयनित कुल 171 उम्मीदवारों की मेरिट सूची में शामिल थे।