E-Scooter Caught Fire: अब Pure EV के स्कूटर में लगी आग, DRDO ने दिए जांच के आदेश

इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसमें ताजा मामला चेन्नई से सामने आया, जहां एक इलेक्ट्रिक स्कूटर बीच सड़क पर धू-धू कर जलने लगता है। ये घटना नॉर्थ चेन्नई के मंजमपक्कम इलाके की है। यहां माथुर टोल प्लाजा के पास एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ये स्कूटर Pure EV का बताया जा रहा है। Pure EV के इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की घटना पहले भी सामने आ चुकी है।

खबर के मुताबिक तिरुवल्लुर की एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करने वाले 21 साल के गणेश जब अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर से दफ्तर जा रहे थे तो उन्हें उसमें से धुंआ उठता दिखाई दिया। इसके बाद उन्होंने स्कूटर को तत्काल बीच सड़क पर ही खड़ा कर दिया। इसके बाद इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लग गई। आस-पास के लोग गणेश की मदद के लिए आए।

ईटी की खबर के मुताबिक इस बारे में कंपनी ने बयान जारी कर कहा है, 'घटना को लेकर कंपनी ने अपने ग्राहक के साथ संपर्क साधा है। इस घटना से जुड़ी प्राथमिक जानकारी जुटाई गई है। वहीं कंपनी के वाहन को संबंधित डीलर के पास भेज दिया गया है जो इसका विश्लेषण करेगा।'

Okinawa, Ola Scooter में भी लगी आग

इससे पहले तमिलनाडु के मन्नापराई में दुकान के बाहर खड़े इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लग गई। ये इलेक्ट्रिक स्कूटर Okinawa कंपनी का था। इससे पहले तमिलनाडु के वेल्लोर में भी कुछ दिन पहले एक इलेक्ट्रिक स्कूटर की चार्जिंग के दौरान उसकी बैटरी में विस्फोट हो गया था। इसमें एक पिता-पुत्री की मौत हो गई थी। हालांकि इस घटना की जांच में सामने आया कि उन्होंने गाड़ी को चार्ज करने के लिए चार्जर को एक पुराने शॉकेट में लगा दिया था। इस वजह से शॉट सर्किट हो गया और बैटरी में विस्फोट हो गया।

जबकि मणप्पराई में Okinawa के एक इलेक्ट्रिक स्कूटर 27 मार्च को आग लगने की घटना सामने आ चुकी है। वहीं महाराष्ट्र के पुणे में एक Ola Scooter में भी आग लग चुकी है।

इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की घटनाओं को सरकार ने गंभीरता से लेते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की Centre for Fire Explosive and Environment Safety (CFEES) इकाई को पुणे में Ola Scooter और वेल्लोर में Okinawa Scooter में आग लगने की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने CFEES को इस घटना के कारण के साथ-साथ इस तरह की घटनाओं को रोकने के बेहतर उपाय सुझाने के लिए भी कहा है।