चन्द्रयान के रोवर ने किया मूनवॉक, वायरल हुआ वीडियो

चेन्नई। भारत के चंद्रयान के रोवर ने रैंप पर चलने के बाद चंद्रमा की सतह पर कदम रखते हुए 'मूनवॉक' किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी (इसरो) ने कहा, इसने चंद्रमा लैंडर के रैंप पर से धीरे-धीरे लुढ़कने के बाद चाँद पर मूनवॉक भी किया। मूनवॉक एक डांस मूव है जो माइकल जैक्सन द्वारा 'मोटाउन 25: यस्टरडे, टुडे, फॉरएवर' पर बिले जीन के प्रदर्शन के दौरान किए जाने के बाद बहुत लोकप्रिय हो गया। चंद्रयान -3 का लैंडर बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सुरक्षित रूप से उतरा था।

गुरुवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में, इसरो ने कहा़, चंद्रयान -3 रोवर: मेड इन इंडिया मेड फॉर मून! सीएच -3 रोवर लैंडर से नीचे उतरा और भारत ने चांद पर सैर की! जहां रोवर ने गुरुवार को चंद्रमा पर चहलकदमी की, वहीं इसरो ने शुक्रवार को बहुप्रतीक्षित वीडियो जारी किया। लैंडर पर लगे कैमरे द्वारा लिए गए वीडियो में फैले हुए सौर पैनल के साथ रोवर को धीरे-धीरे रैंप से नीचे जाते, चंद्रमा की मिट्टी को छूते और आगे बढ़ते देखा जा सकता है।

चंद्रमा की धरती पर रोवर के पहिये के निशान के साथ-साथ सौर पैनल के साथ रोवर की छाया भी देखी जा सकती है। इसरो ने पोस्ट किया: लैंडर मॉड्यूल पेलोड आईएलएसए, रंभा और चाएसटीई आज (गुरुवार) चालू हो गए हैं। रोवर गतिशीलता संचालन शुरू हो गया है। सभी गतिविधियां निर्धारित समय पर हैं। सभी प्रणालियां सामान्य हैं। अगले दो सप्ताह तक रोवर चंद्रमा की घरती पर घूमकर पूर्व निर्धारित प्रयोगों को अंजाम देगा। इसरो के अनुसार, चंद्रमा रोवर में लैंडिंग स्थल के आसपास मौलिक संरचना प्राप्त करने के लिए अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (एपीएक्सएस) और लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस) है।

अपनी ओर से, लैंडर भी अपने पेलोड के साथ उसे सौंपे गए कार्यों को पूरा करेगा। वह चंद्रमा की सतह का विश्लेषण, लैंडिंग स्थल के आसपास भूकंपीय तरंगों का मापन, प्लाज्मा घनत्व और इसकी विविधताओं का अनुमान लगाने जैसे प्रयोगों को अंजाम देगा। नासा के एक निष्क्रिय लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर ऐरे को चंद्र लेजर रेंजिंग अध्ययन के लिए समायोजित किया गया है।

इसरो ने कहा कि लैंडर और रोवर का मिशन जीवन 1 चंद्र दिवस या 14 पृथ्वी दिवस है। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक डॉ. एस. उन्नीकृष्णन नायर ने आईएएनएस को बताया, रोवर गुरुवार देर रात करीब 12.30 बजे लैंडर से चंद्रमा की सतह पर लुढ़का। वह इधर-उधर घूम रहा है। वह चंद्रमा की सतह पर अपनी छाप छोड़ रहा है।

इसरो का लोगो और राष्ट्रीय प्रतीक रोवर के पहियों पर उकेरे गये हैं ताकि यह घूमते समय चंद्रमा की जमीन पर अपनी छाप छोड़ सके। उन्नीकृष्णन ने कहा कि रोवर चंद्रमा के नमूने एकत्र करेगा और प्रयोग कर डेटा लैंडर को भेजेगा।

उन ऐतिहासिक लम्हों का वीडियो जब प्रज्ञान लैंडर से उतरकर मूनवॉक के लिए जाता है

जब विक्रम और प्रज्ञान इतिहास रच रहे थे, उस ऐतिहासिक लम्हे को इसरो ने शुक्रवार को रिलीज किया है। इन पलों को लैंडर विक्रम पर लगे कैमरे ने कैद किया है। इसरो की तरफ से रिलीज वीडियो तब का है जब सॉफ्ट लैंडिंग के कुछ घंटे बाद चांद की सतह पर धूल का गुबार छंट चुका होता है और विक्रम के गेट खुलते हैं जिसमें से प्रज्ञान रैंप के जरिए 'मूनवॉक' के लिए उतरता है। वीडियो में दिख रहा है कि अपना 6 पहियों वाला प्रज्ञान रैंप से आहिस्ता-आहिस्ता स्लाइड करते हुए चांद की सतह पर उतर रहा है। गोल्डन कलर में दिख रहा प्रज्ञान इंडियन स्पेस हिस्ट्री का गोल्डन पीरियड रच रहा होता है। वीडियो में दिख रहा है कि प्रज्ञान रैंप से उतरकर चांद पर चहलकदमी कर रहा है और वहां अपनी छाप छोड़ रहा है। खास बात ये है कि वीडियो और तस्वीरों में चांद के दक्षिणी ध्रुव का सतह दिखने में ऐसा लग रहा है जैसे बहुत कठोर हो, चट्टान की तरह। लेकिन प्रज्ञान जब चांद पर चल रहा है तो उसकी सतह पर अपने पहियों की छाप भी छोड़ रहा है। पहियों के नीचे सतह थोड़ी सी दब जा रही है। प्रज्ञान का वजन महज 26 किलोग्राम है। इससे ये तो जाहिर है कि वहां चांद की सतह चट्टान जैसे कठोर नहीं है।