Chandrayaan 2 : भावुक हुए के. सिवन, PM मोदी ने गले लगाकर कहा - पत्थर पर जो लकीर बना दे वो है ISRO

भारत के चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) मिशन को शनिवार तड़के उस समय झटका लगा, जब लैंडर विक्रम से चंद्रमा के सतह से महज दो किलोमीटर पहले इसरो का संपर्क टूट गया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी भी इसरो मुख्यालय में मौजूद थे। इसके बाद सुबह एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय पहुंचे। इस पूरे मिशन के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के कंट्रोल सेंटर से देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों से कहा कि आप सभी को आने वाले मिशन के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

वैज्ञानिकों को संबोधित करने के बाद जब प्रधानमंत्री मोदी इसरो मुख्यालय से जाने लगे तो इसरो चीफ के. सिवन पीएम मोदी के गले लगकर रोने लगे। पीएम मोदी ने गले लगाकर इसरो चीफ की पीठ थपथपाई और हौसला बढ़ाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम निश्चित रूप से सफल होंगे। इस मिशन के अगले प्रयास में भी और इसके बाद के हर प्रयास में भी कामयाबी हमारे साथ होगी। पीएम ने कहा कि हर मुश्किल, हर संघर्ष, हर कठिनाई, हमें कुछ नया सिखाकर जाती है, कुछ नए आविष्कार, नई टेक्नोलॉजी के लिए प्रेरित करती है और इसी से हमारी आगे की सफलता तय होती हैं। ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है। विज्ञान में विफलता नहीं होती, केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं।

बता दें कि चांद की सतह से महज दो किलोमीटर पहले लैंडर विक्रम का संपर्क स्पेस कंट्रोल सेंटर से टूट गया। रात 1:49 पर लैंडर विक्रम से सिग्नल मिलने बंद हो गये। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसरो के कंट्रोल सेंटर में खुद मौजूद थे और वहां पर मौजूद वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ा रहे थे।