अशांति के बीच भारत-बांग्लादेश सीमा पर केंद्रीय बलों ने निगरानी बढ़ाई

नई दिल्ली। बांग्लादेश में राजनीतिक संकट के चलते सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के उत्तरी बंगाल फ्रंटियर ने भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा उपायों की समीक्षा की है और उन्हें बढ़ा दिया है, ताकि विभिन्न आकस्मिकताओं के लिए तैयारी की जा सके।

संभावित सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए हाई अलर्ट की स्थिति घोषित की गई है, सभी स्तरों पर कमांडरों को किसी भी अप्रत्याशित परिस्थितियों से निपटने के लिए अत्यधिक सतर्कता और तत्परता बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। उन्हें सीमा पर निरंतर (24x7) निगरानी रखने, कर्मियों की संख्या बढ़ाने और त्वरित प्रतिक्रिया टीमों के गठन का निर्देश दिया गया है।

भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा 4,096 किलोमीटर तक फैली है, जिसमें से 936.415 किलोमीटर सीमा सुरक्षा बल के उत्तर बंगाल फ्रंटियर के अधिकार क्षेत्र में आती है, जो दक्षिण दिनाजपुर से कूचबिहार तक पश्चिम बंगाल के पांच जिलों को कवर करती है।

उत्तर बंगाल फ्रंटियर ने चार बीएसएफ सेक्टरों के अंतर्गत कुल 18 बीएसएफ बटालियनों को तैनात किया है, जो सभी अब हाई अलर्ट पर हैं। सभी लैंड कस्टम स्टेशनों (LCS) पर निगरानी भी बढ़ा दी गई है।

सीमा चौकियों (BOP) पर कर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है, और प्रभावी सीमा निगरानी सुनिश्चित करने के लिए सभी निगरानी उपकरणों का पूरी क्षमता से उपयोग किया जा रहा है। सब यूनिटों को उच्च सतर्कता बनाए रखने और किसी भी प्रतिकूल स्थिति से तुरंत निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने के लिए खुफिया संचालन को बढ़ाया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी उभरते खतरे की तुरंत पहचान की जाए और उसे बेअसर किया जाए।