
श्रीनगर। भारत और पाकिस्तान के बीच अचानक हुए संघर्ष विराम के बाद जम्मू-कश्मीर में तीर्थयात्रियों को बड़ी राहत मिली है। सीमा पर लगातार बढ़ते तनाव के कारण पिछले कुछ हफ्तों से हवाई सेवाएं बाधित थीं और हज 2025 की तैयारियों पर भी गहरा असर पड़ा था। लेकिन अब हालात में नरमी आने से उम्मीद की जा रही है कि श्रीनगर एयरपोर्ट से हज उड़ानें फिर से शुरू हो सकती हैं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस घटनाक्रम का स्वागत करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम से एक सकारात्मक संकेत मिला है और अब केंद्र सरकार को चाहिए कि वह एयरस्पेस बहाल करने की प्रक्रिया में तेजी लाए। उन्होंने यह भी कहा कि “हमें हज उड़ानों में पहले ही देर हो चुकी है, लेकिन अब जबकि हालात सुधर रहे हैं, हमें विश्वास है कि हवाई अड्डे जल्द खुलेंगे और नागरिक उड़ानें भी फिर शुरू होंगी।”
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आत्मघाती हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया था। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक शामिल थे। उसके बाद एहतियातन देशभर के कई हवाई अड्डों, खासकर श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, पर अस्थायी रोक लगाई गई थी।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर हज समिति के कार्यकारी अधिकारी डॉ. शुजात अहमद कुरैशी ने भी तीर्थयात्रियों की चिंताओं पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “हमने वैकल्पिक व्यवस्थाओं के तहत तीर्थयात्रियों को दिल्ली या अन्य शहरों से रवाना करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन मंत्रालय की तरफ से स्पष्ट निर्देश नहीं मिले।”
जानकारी के अनुसार, इस वर्ष जम्मू-कश्मीर से कुल 3622 तीर्थयात्री हज यात्रा के लिए पंजीकृत हैं। हालांकि अभी तक श्रीनगर से केवल एक ही उड़ान रवाना हुई है, जिसमें 178 तीर्थयात्री शामिल थे। दूसरी ओर, दिल्ली को चुने हुए लगभग 480 यात्री सुरक्षित रवाना हो चुके हैं। शेष यात्रियों को 14 मई तक के लिए स्थगित किया गया है और वे फिलहाल अनिश्चितता की स्थिति में हैं।
हज समिति की ओर से जारी अधिसूचना में यात्रियों से संयम बनाए रखने और नए फ्लाइट शेड्यूल की प्रतीक्षा करने को कहा गया है। साथ ही यात्रियों को चेताया गया है कि वे केवल आधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
संघर्ष विराम के इस फैसले का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्वागत हुआ है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में उड़ान सेवाएं पूरी तरह बहाल की जा सकती हैं। इससे हजारों तीर्थयात्रियों की उम्मीदों को संबल मिलेगा, जो काफी समय से अधर में लटकी अपनी यात्रा के शुरू होने का इंतजार कर रहे थे।