पेपर लीक मामला : 35 हजार में पैरेंट्स ने खरीदा पेपर, फिर व्हाट्सएप के जरिए कई लोगों को बेचा

10वीं के गणित और 12वीं के अर्थशास्त्र का पेपर लीक होने के बाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) पर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच पेपर लीक की वजहों को लेकर नई खबर सामने आई है। अब ऐसी खबर है कि इन विषयों की परीक्षाओं का एलान शुक्रवार को सकता है। ऐसा कहा जा रहा है शनिवार और रविवार की छुट्टी होने की वजह से यह फैसला लिया जा सकता है। बता दे, पेपर लीक होने की वजह से देशभर में 10वीं के मेथ्स और 12वीं के इकोनॉमिक्स पेपर को रद्द कर दिया गया था।

सीबीएसई पेपर लीक मामले में अब एक और चौकाने वाला खुलासा सामने आया है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि 35000 हजार रुपए में पेपर खरीदने के बाद उन्होंने उसे बेचने की सोची और व्हाट्सएप के जरिए कई लोगों तक इसे पहुंचा दिया। इस दौरान ये पेपर किसी को 5000 रुपए में दिया गया तो किसी से 10 हज़ार तक भी वसूले गए। ऐसा करके पेपर की रकम को वसूल लिया गया।

सूत्रों की मानें, तो पुलिस को जो लिखा हुआ पेपर मिला है। उसके लिए वह हैंडराइटिंग का टेस्ट भी करवा सकती है। ये टेस्ट उनपर हो सकता है जिनपर पुलिस को शक है, या जो भी जांच के दायरे में हैं। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सीबीएसई पेपर लीक के मुद्दे पर गुरुवार देर शाम करीब 4 घंटे तक पूछताछ की थी।

पूछताछ में ही दिल्ली पुलिस ने पेपर से जुड़ी सारी जानकारियों के बारे में पूछताछ की। इनमें प्रिंटिंग, ट्रांसपोर्ट, एग्जाम बुकलेट की सुरक्षा आदि से जुड़े सवाल भी शामिल थे। कहा जा रहा है कि करीब 1000 स्टूडेंट्स तक लीक हुआ पेपर पहुंच गया था। गौरतलब है कि सीबीएसई के पेपर लीक होने से पूरे देश में हड़कंप-सा मच गया है। देशभर में कई जगह स्टूडेंट्स प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं इस मामले में क्राइम ब्रांच भी जांच कर रही है। इस बीच सीबीएसई परीक्षाओं को दोबारा करवाने की तैयारी में जुट गया है।

25 लोगों से हुई पूछताछ, 40 मोबाइल नंबर स्कैन

सीबीएसई पेपर लीक मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच की टीम ने अबतक 25 लोगों से हुई पूछताछ के बाद 40 ऐसे संदिग्ध मोबाइल नंबर स्कैन किए हैं, जिन पर 12वीं औ 10वीं कक्षा के लीक पेपर भेजे गए थे। मामले की जांच में जुटी पुलिस अब इन नंबरों की जांच के आधार पर पेपर लीक नेटवर्क से जुड़े लोगों का पर्दाफाश करेगी। सूत्रों की मानें तो इन नंबरों में ही छात्रों, कोचिंग सेंटर से जुड़े लोगों, बिचौलियों इस नेटवर्क से जुड़े शिक्षा दलालों का राज छिपा है। इसकी पूरी गहनता के साथ क्राइम ब्रांच जांच कर रही है।

पेपर लीक मामले को लेकर क्राइम ब्रांच की टीम ने पंजाबी बाग, मिंयावली, नरेला, बदापुर समेत पश्चिमी दिल्ली के करीब दर्जनों इलाकों में ताबड़तोड़ छापेमारी की, जबकि पड़ोसी जनपदों में करीब 10 से ज्यादा इलाकों में छापेमारी कर पूछताछ के लिए कई लोगों को हिरासत में ले लिया है।

प्रदर्शन कर रहे छात्रों का दावा


- जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने दावा किया कि सीबीएसई का सिर्फ मैथ्स और इकोनॉमिक्स नहीं, बल्कि सभी पेपर लीक हुए थे। इसके पीछे सीबीएसई अधिकारियों का हाथ होने का भी दावा किया गया।

- 12वीं के राहुल ने कहा, "परीक्षा से पहले सभी पेपर उपलब्ध थे। कुछ दोस्तों ने दो-दो हजार रु. में खरीदने का ऑफर दिया था। परीक्षा में बिल्कुल वही पेपर आया, जो ग्रुप्स में सर्कुलेट हो रहा था। ऐसे में पूरी परीक्षा ही दोबारा लेनी चाहिए।"

- सेंट थॉमस स्कूल की 10वीं की छात्रा भाविका यादव ने कहा, "परीक्षा से पहले अगर किसी ने पेपर लीक कर दिया तो सजा हम क्यों भुगतें?"

- छात्रों ने कहा कि पूरे मामले के लिए सीबीएसई ही जिम्मेदार है। विरोध कर रहे छात्रों ने ‘हमारी जिंदगी से खिलवाड़ बंद करो’ और ‘छात्रों को नहीं, बल्कि सिस्टम को रिटेस्ट करने की जरूरत है’ लिखी तख्तियां थाम रखी थीं।