अमृतसर। दिल्ली शराब घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने पंजाब एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग के 10 अधिकारियों को दिल्ली तलब किया है। उन्हें बयान दर्ज करवाने के लिए दिल्ली बुला लिया है। यह वही मामला है, जिसमें दिल्ली उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मुख्य आरोपी बनाए गए हैं। यह सम्मन दिल्ली में CBI के अतिरिक्त SP राजीव कुमार द्वारा जारी किए गए हैं।
सम्मन में पंजाब के 10 अधिकारियों को अपने बयान दर्ज कराने के लिए सोमवार और मंगलवार को राजधानी में CBI के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। IPC की धारा 160 के तहत जारी सम्मन एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग के मुख्य कार्यालय के माध्यम से भेजा गया।
गौरतलब है कि ED पहले ही दिल्ली उत्पाद शुल्क घोटाले में तीन अधिकारियों से पूछताछ कर चुका है। जिसमें फाइनेंशियल कमिश्नर एक्साइज एंड टैक्सेशन केएपी सिन्हा का नाम भी शामिल
है।
सांसद हरसिमरत ने उठाया था मामलाबठिंडा से अकाली दल की सांसद व बादल परिवार की बहू हरसिमरत कौर बादल ने 3 अगस्त को संसद में पंजाब की एक्साइज पॉलिसी पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने सदन में इस पॉलिसी को दिल्ली में जांच की जा रही पॉलिसी के समान बताया था। सांसद हरसिमरत ने सदन में कहा था कि यह पॉलिसी कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाने व पैसा वापस आम आदमी पार्टी के पास पहुंचाने के लिए तैयार की गई है।
संसद में बहस के दौरान, हरसिमरत बादल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पंजाब में कथित शराब घोटाले की जांच करने की मांग की थी और दावा किया था कि इससे राज्य के खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ है। गृह मंत्री के कहने के बाद उन्होंने इस संबंध में एक रिप्रेजेंटेशन भी दी थी।
भाजपा नेता सिरसा ने भी उठाया था सवालभापजा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी केंद्रीय मंत्रालय को ज्ञापन भेजकर पंजाब की एक्साइज पॉलिसी की जांच की मांग की थी। इसके अलावा कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी इस संबंध में पंजाब के राज्यपाल और केंद्र सरकार को पत्र लिख जांच की मांग रखी थी।