अजमेर : बेटे के जवाब ने पिता को झकझोर दिया, चॉकलेट विज्ञापन को लेकर कंपनी पर किया केस

आप सभी ने चॉकलेट का वह विज्ञापन तो देखा ही होगा जिसमें एक युवा लड़के और एक वृद्ध महिला को दिखाया गया है। इसमे वृद्ध महिला की छड़ी गिर जाती है और वह उस लड़के को छड़ी उठाकर देने के लिए कहती है। वह लड़का छड़ी को उठाने के बजाय अपनी ही धुन में फाइव स्टार चॉकलेट खाता रहता है और मदद के लिए कदम नहीं बढ़ाता। बाद में बुजुर्ग महिला खुद छड़ी उठाने के लिए उठती है और महिला दुर्घटना से बच जाती है। विज्ञापन के अंत में मैसेज दिया जाता है कि कभी कुछ ना करके भी देखो। अब इस विज्ञापन को लेकर एक पिता ने चॉकलेट कंपनी पर केस किया हैं क्योंकि उनके 11 वर्षीय बेटे पर इस विज्ञापन का ऐसा असर पड़ा कि उसने अपने पिता द्वारा दादाजी को दवाई देने की बात को अनसुना करते हुए कहा कि कुछ नहीं करने से भी लोगों की मदद हो सकती है और उनकी जान भी बच सकती है। बेटे के इस जवाब को सुनकर अमित चौंक गए। इसके बाद बेटे ने चॉकलेट कंपनी के विज्ञापन के बारे में बताया।

याचिका अजमेर के रामनगर में रहने वाले एडवोकेट अमित गांधी ने दायर की है। पेशे से वकील पिता ने पहले बच्चे को समझाया और फिर उपभोक्ता विवाद आयोग अजमेर में याचिका दायर की। इसमें उन्होंने इस विज्ञापन को भारतीय संस्कृति व नैतिकता के खिलाफ बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की। अमित ने बताया कि विज्ञापन में वृद्ध महिला के निवेदन के प्रति युवा को असंवेदनशील दिखाया है। यह ठीक नहीं है। इस तरह के विज्ञापन का गलत मैसेज जाता है। यह देश के जिम्मेदार युवाओं का अपमान है। साथ ही कुछ न करने और किसी की मदद न करने जैसा संदेश दिया जा रहा है। फिलहाल, उपभोक्ता आयोग ने कंपनी को नोटिस जारी करके जवाब-तलब किया है।

अमित ने बताया कि भ्रामक विज्ञापन पर रोक लगाने और 5 लाख रुपए बतौर क्षतिपूर्ति देने की मांग की है। जिला आयोग के अध्यक्ष रमेश कुमार शर्मा, सदस्या अलका रानी जैन ने परिवाद को दर्ज किए जाने पर सुनवाई की और चॉकलेट कंपनी को भी नोटिस जारी कर 4 मई जवाब तलब किया गया है। अमित ने कहा कि केस के बाद मिलने वाला यह हर्जाना उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा कराऊंगा।