कैंसर रोगियों को भी है ब्‍लैक फंगस का खतरा, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

ब्‍लैक फंगस बेहद खतरनाक है, जिससे सचेत रहने की जरूरत है। भारत में इस समय ब्‍लैक फंगस के मरीज तेजी से बढ़ रहे है. एम्‍स के डायरेक्‍टर डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोरोना महामारी से उबरने वाले ऐसे मरीज जिन्‍हें सिरदर्द या चेहरे पर कहीं भी एक सूजन महसूस हो रही है या चेहरे का रंग बदला हुआ है तो उसको भी ब्‍लैक फंगस का टेस्‍ट करवाना चाहिए। इसके अलावा ऐसे लोग जिनके चेहरे का कोई भाग सुन्न पड़ गया है वो भी तुरंत इसकी जांच करवाएं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्‍लैक फंगस से सबसे अधिक खतरा उन लोगों को भी है जो कैंसर रोगी है या जिन्‍हें कोई अंग ट्रांसप्‍लांट किया गया है।

कैंसर की तुलना में इसका प्रभाव और मरीज के शरीर में संक्रमण तेजी से फैलता है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि कैंसर की जहां तीन स्‍टेज होती हैं वहीं इसकी चार स्‍टेज होती हैं लेकिन इन चार स्‍टेजों में महज दो सप्‍ताह का ही समय लगता है। वहीं कैंसर के रोगी को अंतिम स्‍टेज पर पहुंचने में तीन माह से भी अधिक समय तक लग जाता है।

ब्‍लैक फंगस के शिकार मरीज के आंख में यदि ये होती है तो उसकी आंख तक निकालनी पड़ सकती है। आपको बता दें कि ये शरीर के अंगों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाकर गला देती है।

14 राज्यों ने घोषित किया महामारी


आपको बता दे, कोरोना के मरीजों में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए हरियाणा, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, यूपी, पंजाब, गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान, ओडिशा, बिहार, चंडीगढ़, उत्तराखंड, तेलांगना समेत करीब 14 राज्यों में इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया गया है। ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा मरीज गुजरात से सामने आए है यहां 2281 लोग इसकी चपेट में आए हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र में 2000, आंध्र प्रदेश में 910, मध्यप्रदेश में 720, राजस्थान में 700, कर्नाटक में 500, दिल्ली में 197, यूपी में 124, तेलंगाना में 350, हरियाणा में 250, पश्चिम बंगाल में 6 और बिहार में 56 मरीज अभी तक मिल चुके है।