बुराड़ी 11 मौतों की मिस्ट्री: ‘मोक्ष’ में मददगार ‘गदा बाबा’ की तलाश, मंझला बेटा था इसका 'अंध भक्त'

राड़ी में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की मौत के मामले में क्राइम ब्रांच अब एक ‘गदा बाबा’ नाम के शख्स की तलाश में जुटी है। दरअसल, घर में कई रजिस्टर मिले हैं और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच में इस बाबा का जिक्र सामने आया है। माना जा रहा है कि घर से बरामद रजिस्टरों में जिस मोक्ष की बात की जा रही है, उसमें इस बाबा ने भी मदद की है। ज्वाइंट कमिश्नर के मुताबिक, रजिस्टर में लिखा है कि तुम मरोगे नहीं, बल्कि कुछ बड़ा हासिल करोगे। पिताजी ने कहा है कि आखिरी समय पर झटका लगेगा, आसमान हिलेगा, धरती हिलेगी। लेकिन तुम घबराना मत, मंत्र जाप तेज कर देना, मैं तुम्हें बचा लूंगा। जब पानी का रंग बदलेगा तब नीचे उतर जाना, एक दूसरे की नीचे उतरने में मदद करना। बंधे हाथ खोलने में भी एक दूसरे की मदद करना।

मंझला बेटा इस गदा बाबा से लगातार टच में था


भाटिया परिवार का मंझला बेटा इस गदा बाबा से लगातार टच में था। उधर, शक के आधार पर पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लेकर भी सघन पूछताछ की। पुलिस की एक टीम ने मंगलवार को परिजनों से भी परिवार और उनके नेटवर्क से जुड़े लोगों के बारे में घंटों सवाल जवाब किए। उधर, ललित के पांच उन करीबियों से भी पूछताछ की गई, जिनसे उसकी नजदीकी थी और जिनसे वह अपने मन की बातें साझा करता था। अबतक की तफ्तीश में यह बात साफ हुई है कि ललित अपने मृत पिता से कथित रूप से सपने में मिलने वाले निर्देश और किसी बाबा से प्रभावित होकर ही कोई कदम उठाता था।

पुलिस के अनुसार, ललित धार्मिक गतिविधियों में हमेशा जुड़ा रहता था और उसके ऐसे लोगों से ही ज्यादा संबंध थे। वह ‘गदा बाबा’ नाम के एक शख्स का अंध भक्त बताया जाता था। इस कारण पुलिस की जांच में ‘गदा बाबा’ का रोल अब अहम हो गया है। इस बात के मद्देनजर ही क्राइम ब्रांच ने दो दिन पहले दो धार्मिक बाबाओं को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की थी।

रिश्तेदारों का फिर अंधविश्वास की बात से इंकार

चित्तौड़गढ़ में रहने वाले तीसरे भाई दिनेश और उनकी मौसेरी बहन सुजाता का कहना है कि उनका परिवार बेशक धार्मिक था, लेकिन अंधविश्वासी कतई नहीं था। सुजाता ने मौतों के पीछे तंत्र-मंत्र या तांत्रिक विद्या से पूरी तरह इनकार करते हुए कहा कि उनके परिवार ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि यह मामला हत्या का है। इसके पीछे जरूर कोई है, जिसने उनकी हत्या की है।

उन्होंने कहा कि क्राइम ब्रांच को हत्या के एंगल से ही जांच करना चाहिए। उन्होंने क्राइम ब्रांच की जांच पर नाराजगी जताते हुए उनकी थ्योरी को पूरी तरह से गलत ठहराया है। गौरतलब है कि पुलिस ने मामले में हत्या की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया था। लेकिन अब पुलिस आत्महत्या के एंगल से भी जांच कर रही है। वहीं, परिजन आत्महत्या की बात को सिरे से नकार रहे हैं।

मोक्ष पाना चाहता था परिवार, लेकिन बचने का भरोसा था

दिल्ली के बुराड़ी इलाके में बेशक पूरे परिवार पर धर्मांधता के जाल में फंसकर तंत्र-मंत्र और धार्मिक अनुष्ठान के जरिए मोक्ष पाने के लिए सामूहिक रूप से मौत को गले लगाने की बात कही जा रही है, लेकिन जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि परिवार का कोई भी सदस्य मरने के लिए ऐसा कदम नहीं उठाना चाहता था। उसे यह पूरा भरोसा था कि उन्हें ऐसा करने से सिर्फ मोक्ष मिलेगा और उनके जीवन में सबकुछ अच्छा हो जाएगा।

मरने की बात नहीं लिखी

मामले की जांच से जुड़ी पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि रजिस्टर में लिखी बातों और मौका-ए-वारदात से ये पता चलता है कि पूरा परिवार एक अनुष्ठान कर रहा था। इसके तहत ही हाथ और मुंह पर पट्टी बांधकर लटकना इसका अंतिम चरण था लेकिन इससे मरने की बात नहीं लिखी गई थी। इस कारण इस परिवार को मरने का अंदेशा नहीं था।

एक और डायरी मिली


क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को एक बार फिर घर की सघन तलाशी ली और रिश्तदारों से घंटों पूछताछ की। तलाशी के दौरान घर से एक और डायरी मिली है, जिसमें आध्यात्मिक बातों का जिक्र है। क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर आलोक कुमार ने बताया कि मौका-ए-वारदात का मुआयाना करने के लिए पुलिस की 20 सदस्यीय टीम पहुंची थी। करीब ढाई घंटे तक छानबीन में एक डायरी मिली है। डायरी में हालांकि सभी पन्नों पर नहीं लिखा गया है। इसमें से कुछ पन्ने ही लिखे गए हैं लेकिन लिखावट वही है। उसमें कोई बदलाव नहीं है।

इसके अलावा डायरी में वर्ष-2011 की तारीख लिखी गई है। इसमें भी वही धार्मिक आदेशात्मक बातों का जिक्र है। हालांकि उसमें नियम के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया गया है। पुलिस ने बुजुर्ग महिला की नाती की सगाई में शामिल हुए रिश्तेदारों को भी पूछताछ के लिए बुलाया है, ताकि इस परिवार के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाई जा सके।