बुलंदशहर हिंसा : गोकशी के नाम पर 'खूनी खेल', पूरी घटना से जुड़ी अहम बातें....

यूपी के बुलंदशहर जिले (Bulandshahr) में कथित गोकशी को आधार बनाकर भड़की हिंसा की आग में दो जिंदगियां बर्बाद हो गईं। इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) और एक आम नागरिक की मौत हो गई। उत्तेजित हथियारबंद भीड़ ने न सिर्फ पुलिस चौकी में तांडव मचाते हुए वाहनों को आग के हवाले किया, बल्कि घायल हुए इंस्पेक्टर को जान बचाने का कोई मौका तक नहीं दिया। यहां तक कि जब सुबोध कुमार के ड्राइवर ने उन्हें पुलिस वैन से अस्पताल ले जाने का प्रयास किया तो वैन को ही तहस नहस कर दिया गया और दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया। बुलंदशहर हिंसा में तनाव के मद्देनजर जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। शहीद इंस्पेक्टर को आज 10 बजे पुलिस लाइन में अंतिम सलामी दी जाएगी। प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच एडीजी इंटेलीजेंस को सौंपी है जो 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट देंगे। इसके साथ ही मेरठ रेंज के महानिरीक्षक की अध्यक्षता में एक एसआईटी का भी गठन किया है। मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले पर दुख व्यक्त किया है। चलिए जानते हैं इस हिंसा मामले से जुड़ी अहम बातें....

- ये घटना स्याना थाना क्षेत्र के मऊ गांव से शुरू हुई थी, जब सोमवार सुबह करीब 11 बजे गांव के भूतपूर्व प्रधान ने अपने खेत में कुछ मवेशियों के काटे जाने की शिकायत की। इस शिकायत पर स्याना थाने के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार मौके पर पहुंचे और लोगों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। पुलिस के मुताबिक, इस दौरान लोग शांत हो गए और थाने में एफआईआर लिखने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार और बुलंदशहर के जिलाधिकारी ने बताया कि इसके थोड़ी देर बाद आसपास के तीन गांव से करीब 400 की संख्या में लोग ट्रैक्टर ट्रॉली में अवशेष भरकर चिंगरावठी पुलिस चौकी के बाहर पहुंच गए।

- सूत्रों के अनुसार गुस्साई भीड़ ने बुलंदशहर-गढ़ स्टेट हाईवे पर ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर रास्ता जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। सूचना मिलने पर एसडीएम अविनाश कुमार मौर्य और सीओ एसपी शर्मा पहुंचे। इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। बेकाबू भीड़ ने पुलिस के कई वाहन फूंक दिए। साथ ही चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी।

- पुलिस चौकी के बाहर जब भीड़ ने स्याना रोड जाम कर दिया तो इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के नेतृत्व में उग्र लोगों को समझाने की कोशिश की गई। लेकिन जल्द ही हालात बेकाबू हो गए और पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। भीड़ ने पुलिस को निशाना बनाया, जमकर पत्थरबाजी की गई।

- बुलंदशहर के जिलाधिकारी अनुज झा ने मीडिया के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने बताया, 'भीड़ के पास धारदार हथियार भी थे। उन्होंने हमला किया है, ये भी सच है। इंस्पेक्टर को भी एक गोली लगी है, जिससे ये निश्चित होता है कि गोली चली है। इंस्पेक्टर के बाईं आंख की तरफ गोली का जख्म है। सर्विस रिवॉल्वर छीनकर हमला किया गया है या नहीं, ये अभी जांच का विषय है।'

- बुलंदशहर में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत गोली लगने से हुई। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के अनुसार सुबोध सिंह को बांयी आंख की भौं के पास गोली लगी। यह गोली 32mm की थी। उपद्रवी सुबोध कुमार सिंह की सरकारी पिस्टल भी लूटकर ले गए।

- अनुज झा ने बताया कि मौके पर जब सुबोध सिंह के साथियों ने देखा कि वे घायल हो गए तो उन्हें गाड़ी में ले जाने लगे, लेकिन गाड़ी पर फिर पथराव हो गया। उन्होंने बताया कि जिस समय वीडियो बनाया गया उस समय वापस पथराव शुरू हो गया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां वे मृत पाए गए।

- उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी के आरोपों के बाद भड़की हिंसा में जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) दादरी के अखलाक हत्याकांड में जांच अधिकारी भी रहे थे। उन्होंने 28 सितम्बर 2015 से 9 नवम्बर 2015 तक मामले की जांच की थी। हालांकि जांच के दौरान ही उनका वाराणसी तबादला कर दिया गया था। उनके तबादले के बाद अखलाक हत्याकांड में दूसरे जांच अधिकारी ने मार्च 2016 में चार्जशीट दाखिल की थी।

- भीड़ से घिरे हुए इंस्पेक्टर के चारों तरफ गोलियों की आवाजें आती रहीं। गोकशी के आरोपों में एक घंटे तक चली हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह अपना फ़र्ज़ निभाते हुए मारे गए। हिंसक भीड़ ने पुलिस चौकी जला दी और पुलिस पर पथराव किया। गोकशी के इल्ज़मों से वे भड़के हुए थे। पुलिस ने 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बुलन्दशहर में हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया और इस घटना में शहीद हुए पुलिस इंस्पेक्टर के परिजन को कुल 50 लाख रूपये की सहायता का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने दो दिन के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश भी दिया है। उन्होंने शहीद पुलिस अफसर की पत्नी को 40 लाख रूपए और उनके माता-पिता को 10 लाख रूपये की सहायता की घोषणा की।

- एडीजी आनंद ने बताया कि जिलाधिकारी बुलंदशहर ने इस घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिये है। अभी इस संबंध में एक मामला गोकशी का दर्ज किया गया है जिसमें सात नामजद हैं लेकिन अभी सुरक्षा की दृष्टि से इन लोगों के नाम नहीं बताये जा सकते हैं। उपद्रव के दौरान सुमित नाम के एक युवक की भी मौत इलाज के दौरान मेरठ के अस्पताल में हो गयी है। उसे गोली लगी थी। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि उसकी मौत किसकी गोली से हुई है।

- एडीजी के मुताबिक कथित गोकशी की घटना के बाद एफआईआर लिख ली गयी थी लेकिन भीड़ ने सड़क पर जाम लगा दिया था। इसी जाम को हटाने के दौरान भीड़ उग्र हो गयी और दोपहर 12 से डेढ़ बजे के बीच पथराव और हिंसा हुई। उन्होंने कहा कि जिले में पांच कंपनी आरएएफ तथा छह कंपनी पीएसी पहले से ही तैनात थी और पुलिस बल भेजा जा रहा है।

- एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने लखनऊ में सोमवार को बताया कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से जानकारी मिली है कि बाई आँख के ऊपर गोली लगी है, इसके अलावा सर पर भी किसी भारी चीज़ की चोट के निशान पाए गए हैं।

- बुलंदशहर में भीड़ के पुलिस पर हमले की घटना को लेकर डीएम अनुज झा ने बताया कि 10-11 बजे के बीच हमें सूचना मिली की गोकशी की गई है। खेत में गौवंश के अवशेष मिले। वहां पर पुलिस के लोग पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझाया। इस बीच करीब तीस-चालीस लोग अवशेष ट्राली में भरकर रोड जाम करने लगे। पुलिस ने धक्का लगाकर ट्राली हटाने की कोशिश की, लेकिन पथराव शुरू हो गया। इसमें हमारे एसएचओ की मौत हो गई।

- घटना की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है। साथ ही न्यायिक जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। ऐसे में अब जांच रिपोर्ट के बाद ही साफ हो पाएगा कि क्या किसी साजिश के तहत इस घटना को हिंसक रूप दिया गया और पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या की गई।