बजट 2018 : इनकम टैक्‍स दरों में कोई बदलाव नहीं, मोबाइल और टीवी महंगे होंगे

केंद्र सरकार के चौथे और आखिरी पूर्ण बजट पर पूरे देश की निगाहें आज लगी रहेंगी। जीएसटी लागू होने के बाद पेश हो रहे इस पहले आम बजट से आम जनता की ढेरों उम्मीदें जुड़ी हुई हैं। चाहे किसान हो या फिर सैलरी क्लास, कामकाजी महिला हो अथवा गृहणी, युवा वर्ग हो या फिर सीनियर सिटीजंस, स्टार्टअप हो या फिर बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियां, रियल इस्टेट सेक्टर से लेकर हर किसी के मन में बजट को लेकर के उत्सुक्ता रहेगी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली लोकसभा में आम बजट पेश कर रहे हैं। उनका कहना है कि जीएसटी लागू होने से इनडायरेक्ट टैक्स की व्यवस्था आसान हुई है। उन्होंने कहा कि देश में भ्रष्टाचार के माहौल में कमी आई है। वित्तमंत्री जेटली ने किसानों को लागत मूल्‍य से 50 फीसदी ज्‍यादा देने की घोषणा की है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि वर्ष 2022 तक हम किसानों की आमदनी को दूना कर देंगे। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वर्ष 2022 तक देश के हरेक गरीब के पास अपना घर होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2,500 अरब डॉलर की हो गई है। भारत इस समय दुनिया की सातवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही यह पांचवे स्थान पर हो जाएगी। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 10 फीसदी देना होगा। शेयर खरीदने और बेचने पर लगेगा यह टैक्स। शिक्षा और स्वास्थ पर एक फीसदी सेस बढ़ा। सेस 3 फीसदी से बढ़कर 4 फीसदी हुआ। कस्टम ड्यूटी बढ़ेगी। मोबाइल और टीवी महंगे होंगे।

वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण की खास बातें...

- चारों सरकारी बीमा कंपनियां एक होंगी
- सरकार 80000 करोड़ के शेयर बेचेगी
- सरकार गोल्‍ड पॉलिसी बनाए
- कंपनियों का भी आधार जैसा एक नंबर होगा
- हर उद्योग के लिए अब अलग आईडी
- बिटक्‍वाइन जैसी करेंसी देश में नहीं चलेगी
- वर्ष 2018-19 के लिए 80,000 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य; 2017-18 में विनिवेश से एक लाख करोड़ रुपये प्राप्त होना का अनुमान, जो तय लक्ष्य से अधिक है
- राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, राज्यपालों की परिलब्धियां बढ़ाकर क्रमश: पांच लाख, चार लाख और साढ़े तीन लाख रुपये प्रतिमाह की गईं
- सांसदों के वेतन, भत्ते तय करने के नियमों में बदलाव होगा, मुद्रास्फीति से जुड़ेगे, हर पांच साल में स्वत: संशोधन का नियम बनेगा
- बापू के 150वीं जयंती कार्यक्रमों के लिए 150 करोड़ रुपये
- वित्त वर्ष 2017-18 में राजकोषीय घाटा 3.2% से बढ़कर देश के सकल घरेलू उत्पाद का 3.5% हो गया. वित्त वर्ष 2018-19 में इसे 3.3% रखने का लक्ष्य.
- इनकम टैक्‍स दरों में कोई बदलाव नहीं, छूट की सीमा पहले की तरह ढाई लाख रुपये
- 15 जनवरी, 2018 तक प्रत्यक्ष कर संग्रहण में 18.7 प्रतिशत की वृद्धि
- 8.2 करोड़ लोगों ने डायरेक्‍ट टैक्‍स दिया
- वित्तीय घाटा कम हुआ, इस साल 5.95 करोड़ रहा
- इस साल डायरेक्‍ट टैक्‍स 12.6 फीसदी बढ़ा
- आयकर दाताओं की संख्या 2014-15 में 6.47 करोड़ से बढ़कर 2016-17 में 8.27 करोड़ हो गई
- 4 लाख रुपये तक कमाने वालों को स्टैंडर्ड डिडक्शन से होगा करीब 2,100 रुपये का फायदा
- सैलरीड क्लास को स्टैंडर्ड डिडक्शन की सुविधा देने से राजस्व में आएगी 8,000 करोड़ रुपये की कमी
- सभी सरकारी प्रमाण पत्र अब ऑनलाइन होंगे उपलब्ध
- टीवी के कुछ पुर्जों पर कस्टम ड्यूटी को बढ़ाकर किया गया 15 पर्सेंट
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर लगता है 15 पर्सेंट टैक्स और लॉन्ग टर्म पर होगा 10 पर्सेंट टैक्स
- मोबाइल फोन्स पर कस्टम ड्यूटी को 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का प्रस्ताव
- 1 लाख रुपये से अधिक के लॉन्ग टर्म कैपिटन गेन्स पर देना होगा 10 पर्सेंट का टैक्स