वित्तीय संकट से जूझ रही BSNL, 1.76 लाख कर्मचारियों को नहीं दी फरवरी की सैलरी!

सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) बड़े संकट में फंस गई है। वित्तीय संकट से जूझ रही बीएसएनएल ने अभी तक अपने करीब 1.76 लाख कर्मचारियों को फरवरी की सैलरी नहीं दी है। जिसके बाद दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा को कर्मचारी संघ ने पत्र लिखकर जल्द समाधान के लिए कहा है। जिसके बाद मनोज सिन्हा ने बीएसएनएल (एयूएबी) के सभी यूनियनों और एसोसिएशनों के एक पत्र में कहा, अन्य टेलीकॉम ऑपरेटरों भी वित्तीय संकट का सामना किया जा रहा है, लेकिन ये कंपनियां निवेश कर स्थिति को मैनेज करने की कोशिश कर रहे हैं।

बीएसएनएल (BSNL) के एक अधिकारी ने कहा कि कंपनी ने केरल, जम्मू और कश्मीर, ओडिशा और कॉरपोरेट कार्यालय में कर्मचारियों को फरवरी का वेतन देना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा जब आमदनी होगी तो कर्मचारियों को वेतन का भुगतान किया जाएगा। क्योंकि सरकार ने कोई वित्तीय सहायता नहीं दी है, इसलिए वेतन में देरी हो रही है।

क्या वजह रही सैलरी न मिलने की

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, मार्च महीने के वेतन में कुछ दिनों की देरी होगी। कंपनी के पास आमतौर पर बिजनेस कंपनियों की ओर से बिलिंग भुगतान के बाद पैसा आता है। बीएसएनएल बोर्ड ने बैंक लोन लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, लेकिन दूरसंचार विभाग ने अभी तक इसे आगे नहीं बढ़ाया है। बीएसएनएल का घाटा हर साल बढ़ता जा रहा है। इसने वित्त वर्ष 18 के लिए लगभग 8,000 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 17 में यह 4,786 करोड़ रुपये था।

आपको बता दें कि बीएसएनएल की करीब 55 फीसदी आमदनी वेतन के भुगतान में जाती है। वहीं, कंपनी का वेतन बिल सालाना 8 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। कंपनी की आमदनी स्थिर है।