मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इस्तीफे का किया ऐलान, लंच के बाद मैं गवर्नर से करेंगे मुलाकात

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने CM पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। सोमवार को उन्होंने कहा कि लंच के बाद मैं गवर्नर से मिलूंगा और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दूंगा। राज्य में आज ही भाजपा सरकार के दो साल पूरे हुए हैं। इसी कार्यक्रम के दौरान उन्होंने इस्तीफे का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि मैंं हमेशा अग्निपरीक्षा से गुजरा हूं।

शनिवार को इस बारे में उन्‍होंने कहा था कि मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेने के पहले दिन से ही उन्‍होंने कई चुनौतियों का सामना किया है। लेकिन वह लोगों के जीवन का बेहतर बनाने के लिए किए गए ईमानदारी के काम को लेकर संतुष्‍ट हैं।

बीएस येदियुरप्पा ने रविवार को कहा था कि वो इस पद पर बने रहेंगे या नहीं, कल तक (26 जुलाई) पता चल जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि वो अगले 10 से 15 साल तक भारतीय जनता पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। येदियुरप्पा कर्नाटक के लिंगायत समुदाय से आते हैं। समुदाय में उनकी अच्‍छी पकड़ मानी जाती है।

16 जुलाई को अचानक PM मोदी से मिलने पहुंचे थे

इससे पहले येदियुरप्पा ने 16 जुलाई को दिल्ली पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। अचानक हुई इस मुलाकात ने येदियुरप्पा के इस्तीफे की अटकलों को हवा दे दी थी। इसके बाद उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‌डा, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी।

येदियुरप्पा ने 31 जुलाई 2011 को भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने 30 नवंबर 2012 को कर्नाटक जनता पक्ष नाम से अपनी पार्टी बनाई थी। दरअसल, येदियुरप्पा के इस कदम के पीछे लोकायुक्त द्वारा अवैध खनन मामले की जांच थी। इसी जांच में येदियुरप्पा का नाम सामने आया था। इसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ा था। 2014 में येदियुरप्पा फिर भाजपा में शामिल हो गए।

इसके बाद 2018 में कर्नाटक में सियासी नाटक के दौरान पहले ढाई दिन के लिए मुख्यमंत्री बने और इमोशनल स्पीच के बाद सत्ता छोड़ दी। फिर दोबारा 2019 में बहुमत साबित कर मुख्यमंत्री बनने की प्रक्रिया ने भी आलाकमान के सामने येदियुरप्पा का कद बढ़ा दिया था।