बाढ़ की तबाई के बीच जीवन ने भरी किलकारी, बीच नदी में नाव पर महिला ने दिया बच्चे को जन्म

असम और बिहार में इन दिनों बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। बारिश और बाढ़ के पानी ने लोगों को अपना घरबार छोड़कर किसी ऊंची जगह पर शरण लेने के लिए मजबूर कर दिया है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि राज्य के 33 में से 30 जिलों के 42.87 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य में ब्रह्मपुत्र का जलस्तर खतरे के निशान से पार चला गया है। इसके अलावा, काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य और मानस राष्ट्रीय उद्यान भी जलमग्न हैं। जिन जिलों में बाढ़ से हालात सबसे ज्यादा खराब है उनमें धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वानाथ, सोनितपुर, उदलगुरी, बकसा, बरपेटा, नालबारी और चिरांग मुख्य रूप से शामिल हैं। एक तरफ जहां लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित ठिकाने की खोज में जुटे हुए हैं वहीं दूसरी तरफ 24 साल की रूमी पथोरी नाम की महिला की गोद को इसी ब्रह्मपुत्र नदी ने खुशियों से भर दिया।

दरअसल जब गर्भवती रूमी पथोरी बाढ़ से बचने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी को पार कर किसी सुरक्षित ठिकाने की तरफ जाने के लिए नाव पर चढ़ीं उसी वक्त उन्हें दर्द शुरू हो गया। उन्होंने नाव पर ही बेटे को जन्म दे दिया। बेटे के जन्म के बाद रूमी पथोरी की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा।

बच्चे के जन्म के बाद भी पथोरी को ब्रह्मपुत्र नदी पार कर गोलाघाट जिला पहुंचने में तीन घंटे का वक्त लगा। उस दौरान बारिश भी काफी तेज होती रही। रूमी पथोरी को बोकाखाट के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने बच्चे और मां की जांच की। ऐसे वक्त में जब हर जगह बाढ़ और तेज बारिश ने लोगों को संकट में डाल रखा है तो उस दौरान नाव पर ही बच्चे का जन्म किसी करिश्मे से कम नहीं माना जा रहा है।

पूर्वोत्तर में हो रही लगातार बारिश के कारण हर तरफ बाढ़ का प्रकोप नजर आ रहा है। बाढ़ की मार से आम लोग ही नहीं पशु-पक्षी भी बुरी तरह प्रभावित हैं। जोरहाट के निमाती घाट पर ब्रह्मपुत्र नदी का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। नदी के विकराल रूप को देखते हुए जोरहाट प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाते हुए जोरहाट से माजुली तक चलने वाली फेरी सेवा को पूरी तरफ बंद करने का निर्देश जारी किया है। फेरी सेवा बंद होने में कारण कई लोग अपने घरों में फंस गए हैं क्योंकि उन्हें सुरक्षित जगह तक पहुंचने का कोई और साधन नहीं मिल रहा है।

बता दे, अभी तक असम के 33 में से 30 जिलों के कुल 43 लाख आबादी प्रभावित हुई है। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला बरपेटा है। बरपेटा में बाढ़ की वजह से 7.35 लाख लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। बाढ़ की वजह मोरीगांव, ग्वालपाड़ा, नगांव और हैलाकांडी जिले भी सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। राज्य में ब्रह्मपुत्र का जलस्तर खतरे के निशान से पार चला गया है। राजधानी गुवाहाटी के डूबने की भी आशंका बढ़ गई है। बता दें कि मौजूदा समय में राज्य की दस नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इसके अलावा, काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य और मानस राष्ट्रीय उद्यान भी जलमग्न हैं।