कोरोना से हुई मां की मौत, खुद बैग में डालकर एंबुलेंस तक ले गया बेटा, अस्पताल कर्मचारियों नहीं की मदद

आज पूरी दुनिया कोरोना महामारी से परेशान है एक तरह जहां लोग इस वायरस से बचने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे है वहीं इस वायरस से संक्रमित कुछ लोगों के परिवार वालों को अस्पताल में कर्मचारियों की बेरुखी का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में मुंबई में बीएमसी के एक अस्पताल में कर्मचारियों की बेरुखी की वजह से एक लड़के को अपनी मां की डेड बॉडी को बैग में डालकर एंबुलेंस तक ले जाना पड़ा। इस लड़के के पिता कोरोना वायरस से पीड़ित हैं और एक दूसरे अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। 30 जून को मां के शरीर में जब कोरोना के लक्षण दिखे तो उन्हें बीएमसी के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 2 जुलाई को उनकी मौत हो गई।

बैग में डालकर लानी पड़ी मां की डेड बॉडी

इंडिया टुडे से बात करते हुए कुणाल नाम के इस लड़के ने कहा कि मां की मौत के बाद अस्पताल से उसे तुरंत फोन आया। जब वो अस्पताल पहुंचा तो बीएमसी स्टाफ ने उसे कहा कि उसे अपनी मां की डेड बॉडी को ग्राउंड फ्लोर तक ले जाना होगा। कुणाल ने जब इसके लिए अस्पताल प्रशासन की मदद मांगी तो वहां मौजूद कर्मचारियों ने मदद के लिए मन कर दिया।

कुणाल ने कहा अस्पताल के स्टाफ बेड से स्ट्रेचर तक भी लाश को ले जाने के लिए तैयार नहीं थे। आखिरकार मैंने अपने एक रिश्तेदार की मदद से अपनी मां की डेड बॉडी को बैग में डाला और उसे स्ट्रेचर तक ले गया। इसके बाद वो डेड बॉडी को ग्राउंड फ्लोर और एंबुलेंस तक लेकर आया।

कुणाल ने कहा कि जब अस्पताल वाले डेड बॉडी ले जाने की जिद करने लगे तो उसने अनुरोध किया कि वो अपने घर जाकर कुछ लोगों को लेकर आ रहा है, लेकिन अस्पताल वाले नहीं माने।

कुणाल ने कहा कि उसने अस्पताल वालों को बताया कि उसके पास पीपीई किट नहीं है और बॉडी को छूने से उसे संक्रमण हो सकता है। लेकिन वे नहीं माने, मजबूरन उसे बॉडी को बैग में भरना पड़ा। इस दौरान उसने कई बार बॉडी को छुआ।

इस घटना के बाद अस्पताल का कहना है कि इस मामले में दो स्टाफ को निलंबित कर दिया गया है और जांच के आदेश दे दिए गए हैं।