जानें मुंबई ने किस तरह कोरोना पर लगाई लगाम, सुप्रीम कोर्ट ने भी की तारीफ

कोरोना का कहर जहां सबसे ज्यादा और तेजी से फैला था वो हैं मुंबई जहां हर दिन हजारों में आंकड़े आ रहे थे और दिनोंदिन एक्टिव केस की संख्या बढ़ती जा रही थी।मुंबई में 11 अप्रैल तक 91 हजार केस एक्टिव थे, राेजाना 10 हजार से ज्यादा काेराेना संक्रमित मिल रहे थे। इलाज के लिए जरूरी दवा, ऑक्सीजन की किल्लत हाे रही थी। इस बीच मुंबई में योजनाबद्ध तरीके से कोरोना से सामना किया गया।काेराेना से जीतने के लिए सुप्रीम काेर्ट ने भी मुंबई माॅडल की तारीफ करते हुए अन्य शहराें काे फाॅलाे करने काे कहा है।

मुंबई नगर पालिका ने प्रत्येक 10 हजार मरीजाें पर एक टीम इलाज के लिए बनाई यानि 10 टीमाें का वार्ड वाॅर रूम बनाया जाे मरीज काे एक काॅल पर दवा, बेड और ऑक्सीजन उपलब्ध करवा देते थे। जिन मरीजाें काे अस्पताल में बेड नहीं मिलता उनका घर पर इलाज के लिए एक अलग से टीम बनाई। वहीं दूसरी तरफ ‘चेज द वायरस’ के नाम से अभियान चलाकर घर-घर सैंपलिंग की।

9 हजार बेड्स के अलग-अलग इलाकाें में जंबो कोविड सेंटर्स बनाए जिनमें 5400 बेड ऑक्सीजन युक्त रखे। बीएमसी ने 26 हजार लीटर क्षमता तक ऑक्सीजन टैंक बनाए और सेंट्रलाइज्ड सप्लाई का मैकेनिज्म अपनाया। नतीजा एक महीने में संक्रमण रफ्तार तीन गुना कम हाे गई और एक्टिव केस 50 हजार हाे गए। अब 2 से 3 हजार केस आ रहे हैं।